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दिल्ली में हर दिन कोरोना केस के बनते रिकॉर्ड हैं खतरे की घंटी? एक बार फिर केंद्र सरकार दे सकती है दखल

दिल्ली में अचानक बढ़े कोरोना के मामलों ने एक बार फिर से सबको डरा दिया है। देश कोरोना के पीक को पार कर चुका है, फिर भी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण प्रतिदिन रिकॉर्ड तोड़ रहा है। बीते तीन दिनों से...

दिल्ली में हर दिन कोरोना केस के बनते रिकॉर्ड हैं खतरे की घंटी? एक बार फिर केंद्र सरकार दे सकती है दखल
हिन्दुस्तान टाइम्स,नई दिल्लीSat, 31 Oct 2020 08:23 AM
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दिल्ली में अचानक बढ़े कोरोना के मामलों ने एक बार फिर से सबको डरा दिया है। देश कोरोना के पीक को पार कर चुका है, फिर भी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण प्रतिदिन रिकॉर्ड तोड़ रहा है। बीते तीन दिनों से कोरोना संक्रमण के लगातार पांच हजार से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं और रोज पिछले दिन से अधिक केस दर्ज हो रहे हैं। दिल्ली में पिछले सप्ताह औसतन 4749 नए केस सामने आए, जिससे एक बार फिर से दिल्ली में केंद्र को दखल देने की जरूरत महसूस हुई है। बताया जा रहा है कि दिल्ली में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए गृह मंत्रालय ने सोमवार को एक बैठक बुलाई है, जिसमें इस मसले पर चर्चा होगी। 

राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को संक्रमण के एक दिन में सर्वाधिक 5,891 नए मामले सामने आने के बाद कुल आंकड़ा 3,81,644 पहुंच गया। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार को दिल्ली में कुल 5891 कोरोना केस सामने आए। वहीं कुल 47 लोगों की कोरोना के कारण जान गई। इससे पहले गुरुवार को 5739 मामले दर्ज हुए और आज सर्वाधिक 5891 नए केस सामने आए हैं। वहीं बुधवार को दिल्ली में पहली बार पांच हजार से अधिक मामले आए थे और कुल केसों की संख्या 5673 थी। इस तरह से देखा जाए तो लगातार तीन दिनों से दिल्ली में कोरोना संक्रमण के 5,000 से अधिक नए मरीज सामने आ रहे हैं।

दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, 5891 नए मामलों के साथ ही कुल संक्रमितों की संख्या अब 3 लाख 81 हजार 644 तक पहुंच गई है। शुक्रवार को कुल 4433 लोग इलाज के बाद ठीक हुए हैं। दिल्ली में अभी तक कुल 3 लाख 42 हजार 811 लोग कोरोना को मात दे चुके हैं। लगातार बढ़ रहे मामलों के कारण एक्टिव केस की संख्या में भी बढ़ोतरी दर्ज हुई है। दिल्ली में अब कुल 32 हजार 363 सक्रिय मामले हैं। इनमें से 19 हजार 64 लोग होम आइसोलेशन में रहकर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं जबिक बाकी के लोगों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। दिल्ली के अस्पतालों में करीब 16 हजार बेड कोविड मरीजों के लिए खाली हैं।

जिस गति से दिल्ली में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं, यही वजह है कि केंद्र सरकार को अब इस मसले पर दखल देना पड़ रहा है। अधिकारियों की मानें तो केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की अध्यक्षता में सोमवार को होने वाली बैठक में स्थिति का जायजा लिया जाएगा और दिल्ली सरकार को इस मुद्दे पर ध्यान देने के लिए ठोस कदम सुझाए जाएंगे। भल्ला के अलावा, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, नीतीयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल, और अन्य वरिष्ठ केंद्रीय अधिकारी दिल्ली के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे। 

दिल्ली में बढ़ते कोरोना मामलों में केंद्र की ओर से यह दूसरा हस्तक्षेप होगा। इससे पहले जुलाई में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की थी और कोरोना पर काबू पाने के लिए उपायों पर चर्चा की थी। इस बैठक के बाद कोरोना के खिलाफ जंग और तेज हुई थी। 

दिल्ली में त्योहारी मौसम, प्रदूषण स्तर में वृद्धि और लोगों द्वारा कोविड-19 नियमों को लेकर बरती जा रही लापरवाही के चलते कोरोना वायरस के दैनिक मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है। विशेषज्ञों ने यह बात कही है।  विशेषज्ञों ने कहा कि दिल्ली में संक्रमण के अधिक मामले सामने आने की एक वजह अन्य कारकों के अलावा दिल्ली सरकार द्वारा जोरदार ढंग से संक्रमितों का पता लगाना और ज्यादा जांच कराना भी हो सकती है।
 

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