उत्तर प्रदेश को सबसे ज्यादा, बिहार को तमिलनाडु से भी कम, जानें किस राज्य को मिलेंगी कितनी कोरोना वैक्सीन
भारत में बस कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी मिलने का इंतजार है। सरकार लोगों के टीकाकरण के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी कर रही है, जो कि अंतिम चरम में है। केंद्र सरकार ने हाल ही में राज्यों को 113...
भारत में बस कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी मिलने का इंतजार है। सरकार लोगों के टीकाकरण के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी कर रही है, जो कि अंतिम चरम में है। केंद्र सरकार ने हाल ही में राज्यों को 113 पन्नों की एडवाइजरी जारी की है, जिसमें इस बात का भी जिक्र है कि टीका लगाते समय प्राथमिकता क्या होगी। इतना ही नहीं इसी आधार पर राज्यों को कोविड वैक्सीन के डोज भी दिए जाएंगे। आपको बता दें कि टीकाकरण के पहले चरण में स्वास्थ्य कार्यकर्ता, दूसरे चरण में अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता तथा तीसरे चरण में 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को टीका लगाया जाएगा।
जिन राज्यों में 50 से अधिक उम्र के डाइबीटीज और हाई ब्लड प्रेशर वाले मरीज हैं, उन्हें कोरोना वैक्सीन के अधिक डोज मिल सकते हैं। ऐसे में तमिलनाडु की आबादी कम होने के बावजूद उसे बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों की तुलना में अधिक वैक्सीन मिलेगी। तमिलनाडु की जनसंख्या 7.6 करोड़ और बिहार की 12.3 करेड़ है, लेकिन बिहार की महज 1.8 करोड़ आबादी 50 वर्ष से अधिक उम्र की है और तमिलनाडु की 2 करोड़। यही कारण है कि शुरुआती दौर में तमिलनाडु के खाते में अधिक वैक्सीन आएगी।
We are going to start the process of sending necessary equipment for storage & handling of COVID-19 vaccine to states. Only 100 people will be given the vaccine at a booth per day. Everyone will get the vaccine: Union Minister of State for Health, Ashwini Choubey (13.12) pic.twitter.com/NMhnOnBs3m
— ANI (@ANI) December 14, 2020
अन्य राज्यों की आबादी पर अग गौर करें तो उत्तर प्रदेश के 15 प्रतिशत लोग 50 साल से अधिक उम्र के हैं, लेकिन बड़ा प्रदेश होने के कारण यूपी के खाते में सबसे अधिक वैक्सीन जाएगी। इसके बाद महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और बिहार का नंबर आता है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (2020) के आंकड़ों के मुताबिक केरल में 25 प्रतिशत से अधिक लोग डायबिटीज से ग्रसित हैं। इस कारण से केरल जैसे राज्यों के लिए वैक्सीन का आवश्यक्ता अधिक है।
आपको बता दें कि बुजुर्गों भी दो उप श्रेणियां बनाई जाएंगी। एक 50-60 साल की उम्र का समूह तथा दूसरा 60 साल से ऊपर के लोगों का समूह। इसके लिए लोकसभा या विधानसभा चुनावों में इस्तेमाल होने वाली मतदाता सूचियों का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
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केंद्र सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि 50 साल से कम उम्र के वे लोग शामिल किए जाएंगे, जो किसी बीमारी से ग्रस्त हैं। बाकी लोगों को टीका महामारी के फैलाव के आधार या टीके की उपलब्धता के अनुसार दिया जाएगा। एडवाइजरी में कहा गया है कि टीकाकरण के लिए विशेष सत्रों का आयोजन किया जाएगा। साथ ही कोरोना टीकाकरण के लिए कोई दिन भी निर्धारित किया जाएगा।
एक सत्र में 100 लोगों को टीका लगाया जाएगा। टीकाकरण के लिए पांच सदस्यीय टीम बनाई जाएगी। इस टीम में एक डॉक्टर या स्वास्थ्य कार्यकर्ता, दूसरा सुरक्षाकर्मी, तीसरा पहचान पत्र की पुष्टि करने वाला व्यक्ति होगा। जबकि दो लोग भीड़ आदि प्रबंधन का जिम्मा देखेंगे। टीकाकरण बूथ मतदान बूथ जैसा होगा। जहां एक-एक व्यक्ति अपनी पहचान की पुष्टि कराकर वोट डालता है। यहां इसी तरह से टीका लगाएगा।