कोविड-19: क्या सांस लेने या खांसने का पैटर्न बता सकता है कोरोना संक्रमण?
कोविड -19 प्रकोप को समझने, भविष्यवाणी करने ने की हड़बड़ी ने शोधकर्ताओं को ऐसे उपकरण बनाने के लिए आर्टिफीशियल इंटैलीजेंस के प्रयोग के लिए प्रेरित किया है जिससे ये पता चल सके कि क्या खांसी, सांस...
कोविड -19 प्रकोप को समझने, भविष्यवाणी करने ने की हड़बड़ी ने शोधकर्ताओं को ऐसे उपकरण बनाने के लिए आर्टिफीशियल इंटैलीजेंस के प्रयोग के लिए प्रेरित किया है जिससे ये पता चल सके कि क्या खांसी, सांस लेने या यहां तक कि बोलने के तरीके से संक्रमित व्यक्ति की पहचान की जा सकती है।
फिलहाल इनमें से अधिकांश शोधकर्ता डेटा इकट्ठा करने के फेज में हैं। COVID वॉयस डिटेक्टर। के बारे में कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय (संयुक्त राज्य अमेरिका) के शोधकर्ताओं ने कहा कि हमारी आवाज़ (भाषा की परवाह किए बिना), और जब हम साँस लेते हैं या खाँसी होती है, तो हमारी श्वसन प्रणाली प्रभावित होती है। परिवर्तन मोटे तौर पर स्पष्ट रूप से आवाज में बदलाव को लेकर होता है - जिसे हम "माइक्रो" सिग्नेचर कहते हैं, जो अनट्रेन्ड व्यक्ति नहीं सुन सकता। यह उपकरण पिट्सबर्ग स्थित विश्वविद्यालय के एलटीआई स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस के एक संकाय सदस्य द्वारा पेटेंट किए गए कंप्यूटर प्रोग्राम का उपयोग करता है और कानून प्रवर्तन में ध्वनि प्रोफाइलिंग कार्य के लिए उपयोग किया जाता है।
गौरतलब है कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर राहत की खबर है। पिछले 12 घंटे में कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम हुई है, जिससे पिछले 12 घंटे में 447 केस और 22 मौतें दर्ज की गई हैं। नए आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 12380 हो गई है। वहीं, इस खतरनाक कोविड-19 महामारी से मरने वालों का आंकड़ा 414 पहुंच गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस के कुल 12380 मामलों में से 10477 एक्टिव केस हैं। इसके अलावा, 1488 लोग पूरी तरह से ठीक हो गए हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के गुरुवार सुबह 8 बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस से सर्वाधिक 187 लोगों की मौत महाराष्ट्र में हुई। यहां अब इस महामारी से पीड़ितों की संख्या 3398 हो गई है।