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कोरोना वायरस: नई आर्थिक कार्ययोजना पर आगे बढ़ेंगे राज्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देशभर के मुख्यमंत्रियों के साथ सोमवार को हुई बैठक के बाद राज्यों ने अपने-अपने यहां कोरोना काल में आर्थिक गतिविधियां शुरू करने की कार्ययोजना पर काम शुरू कर दिया है। अगले...

कोरोना वायरस: नई आर्थिक कार्ययोजना पर आगे बढ़ेंगे राज्य
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता Wed, 13 May 2020 05:53 AM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देशभर के मुख्यमंत्रियों के साथ सोमवार को हुई बैठक के बाद राज्यों ने अपने-अपने यहां कोरोना काल में आर्थिक गतिविधियां शुरू करने की कार्ययोजना पर काम शुरू कर दिया है। अगले माह से इस पर अमल शुरू हो जाएगा। इसी के अनुसार राज्य अगले दो-तीन दिनों में अपने सुझाव केंद्र को भेजेंगे। कामकाज की नई व्यवस्था काफी अलग होगी। दरअसल मई के बाद देश के हालात ऐसे होंगे, जिनमें लॉकडाउन में अर्थव्यवस्था गड़बड़ा सकती है।

लॉकडाउन के तीसरे चरण में विशेषज्ञों ने भी सरकार को सलाह दी है कि अब आर्थिक गतिविधियों को रोककर नहीं रखा जा सकता है। डेढ़ महीने में राज्यों के खजाने बोझ तले आ गए हैं और उनसे उबरने में ही लंबा समय लग जाएगा। केंद्र के लिए भी राज्यों का बोझ ढो पाना संभव नहीं है।

ऐसे में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन में अपनाए गए नियम बरकरार रखे जाएंगे और उनको स्वच्छता अभियान की तरह एक जन आंदोलन के रूप में सामने लाया जाएगा।

अस्पतालों को मजबूत करेंगे :अब राज्य सरकारें अपने यहां लॉकडाउन के अपने नियम कानून बनाएंगे, जिससे कि उनको आर्थिक गतिविधियां शुरू करने का मौका मिल सके। हर राज्य की अलग स्थितियां हैं, उसी के अनुसार यह काम करेंगे। शिक्षा और स्वास्थ्य पर जोर दिया जाएगा।

कामकाज के अवसर आसपास होंगे: आर्थिक गतिविधियों को अब और रोका नहीं जाएगा। बंद पड़े तमाम उद्योग-धंधे और कारखानों में नए नियमों और कार्ययोजना के अनुसार कामकाज शुरू होगा। जो मजदूर पलायन कर अपने घरों तक पहुंचे हैं, उनके लिए वहां पर ही और आसपास कामकाज के अवसर पैदा किए जाएंगे।

इससे राज्यों का अपना ढांचा विकसित होगा और पलायन की समस्या भी दीर्घावधि में कम हो सकेगी। सूत्रों के अनुसार लॉकडाउन की अब तक की अवधि में कई राज्यों की अर्थव्यवस्था गड़बड़ा रही है और केंद्र भी उनको बहुत ज्यादा आर्थिक मदद नहीं कर सकता है। करोड़ों लोगों के बिना काम के घर बैठने से उनकी अपनी समस्याएं तो बढ़ी ही हैं और लाखों उद्योगों के ठप होने से अर्थव्यवस्था भी गड़बड़ा गई है।

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