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मजदूरों के लिए काल बन गया है कोरोना लॉकडाउन, अलग-अलग हादसों में अब तक 162 की जा चुकी है जान

कोरोना वायरस संकट और लॉकडाउन प्रवासी मजदूरों के लिए दोहरी मुसीबत की तरह है और यह उनके लिए काल बन गया है। लॉकडाउन में रोजी-रोटी की जद्दोजहद और घर लौटने की कोशिश में अब तक करीब 160 से अधिक प्रवासी...

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Migrant Workers (HT File Photo)
2/ 2Migrant Workers (HT File Photo)
हिन्दुस्तान टाइम्स,नई दिल्लीWed, 20 May 2020 08:28 AM
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कोरोना वायरस संकट और लॉकडाउन प्रवासी मजदूरों के लिए दोहरी मुसीबत की तरह है और यह उनके लिए काल बन गया है। लॉकडाउन में रोजी-रोटी की जद्दोजहद और घर लौटने की कोशिश में अब तक करीब 160 से अधिक प्रवासी मजदूर अपनी जान गंवा चुके हैं। हिन्दुस्तान टाइम्स के रिपोर्टर्स द्वारा कलेक्ट किए गए विभिन्न राज्यों से आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन जब से शुरू हुआ है तब से लेकर अब तक कम से कम 162 मजदूरों की अलग-अलग सड़क हादसों में मौत हो चुकी है। 

प्रवासी मजदूरों के लिए मंगलवार का दिन भी हादसों का दिन साबित हुआ। पांच राज्यों में अलग-अलग सड़क हादसों में 22 मजदूरों की जानें चली गईं। बिहार में नौ, महाराष्ट्र में चार, उत्तर प्रदेश के दो हादसों में 6, झारखंड में एक और ओडिशा में दो मजदूरों की मौत हो गई। यह जानकारी राज्य के अधिकारियों ने दी है। 

बिहार के भागलपुर के नवगछिया में मंगलवार सुबह ट्रक और बस में हुई टक्कर में 9 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई और चार गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं, महाराष्ट्र के सोलापुर से झारखंड की ओर मजदूरों को ले जा रही स्टेट ट्रांसपोर्ट की बस का यवतमाल  में एक्सीडेंट हो गया। इस हादसे में बस ड्राइवर समेत 4 लोगों की मौत हो गई और 22 लोग घायल हो गए। 

इधर उत्तर प्रदेश में मंगलवार को दो हादसे हुए। पहला हादसा झांसी-मिर्जापुर हाईवे पर महोबा में हुआ, जहां प्रवासियों से भरे ट्रक के पलटने से तीन महिलाओं की मौत हो गई और 17 घायल हो गए। वहीं, दूसरा हादसा आजमगढ़ जिले में हुआ, जहां कार में सफर कर रहे तीन श्रमिकों की मौत हो गई। इसके अलावा, ओडिशा में 26 प्रवासियों से भरी बस एक एलपीजी के टैंकर से टकरा गई, जिसमें दो की मौत हो गई और 12 मजदूर घायल हो गए। 

हिन्दुस्तान टाइम्स के संवाददाताओं द्वारा एकत्र आंकड़ों के अनुसार, 25 मार्च को लॉकडाउन की शुरुआत के बाद से ऐसे दुर्घटनाओं में कम से कम 162 प्रवासियों की मौत हो गई है। पिछले एक पखवाड़े में ही सिर्फ दो बड़े हादसों में 42 प्रवासी मजदूरों की मौत हुई है। 8 मई को महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रेल पटरी पर आराम कर रहे प्रवासियों को मालगाड़ी ने रौंदा था, जिसमें करीब 16 मजदूरों की मौत हो गई थी। 

फिर 16 मई को उत्तर प्रदेश के औरैया में हुए सड़क हादसे में 26 मजदूरों की मौत हो गई थी। बता दें कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से प्रवासी मजदूर न सिर्फ बेरोजगार हुए हैं, बल्कि पलायन को भी मजबूर हुए हैं। यही वजह है कि मजदूर पैदल या किसी वाहन से जैसे हो पा रहा है, अपने घरों की ओर निकल पड़े हैं। इसी दौरान वे हादसों का शिकार हो जाते हैं। 
 

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