उत्तर और पश्चिम भारत में कोरोना वायरस के मामलों में फिर से तेजी आने लगी है। इसके चलते मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और हिमाचल प्रदेश की सरकारों ने बीमारी की रोकथाम के लिए अतिरिक्त उपायों की घोषणा की है। महाराष्ट्र सरकार ने जहां ऐलान किया है कि दिल्ली-एनसीआर, गुजरात, राजस्थान और गोवा से आने वाले लोगों के पास कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट होनी आवश्यक होगी तो वहीं, हिमाचल प्रदेश सरकार ने सभी स्कूलों और कॉलेजों को 31 दिसंबर तक के लिए फिर से बंद कर दिया है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने मंडी, कांगड़ा, शिमला और कुल्लू में नाइट कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया है। यह कर्फ्यू रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक चलेगा। सरकार ने इसे 15 दिसंबर तक लागू किया है।
मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने छह शहरों में नाइट कर्फ्यू लगाया है। इसमें भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर आदि भी शामिल हैं। वहीं, गुजरात ने चार प्रमुख शहरों- अहमदाबाद, सूरत, राजकोट और वडोदरा में नाइट कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया था।
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राजस्थान सरकार आठ जिलों में नाइट कर्फ्यू की घोषणा कर चुकी है। इसके अलावा, सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों में 75 फीसदी स्टाफ को बुलाने के लिए कहा गया है। सोमवार को राजस्थान सरकार ने सभी प्राइवेट अस्पतालों से सरकार द्वारा तय किए गए दामों के अनुसार ही कोरोना मरीजों को इलाज देने का आदेश दिया है। पिछले एक सप्ताह में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और महाराष्ट्र जैसी अधिकांश राज्य सरकारों ने सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का फैसला किया है या फिर शैक्षणिक संस्थानों को फिर से खोलने का फैसला स्थगित कर दिया है। मुंबई में, शैक्षणिक संस्थान 31 दिसंबर तक और पुणे में 23 नवंबर तक बंद रहेंगे।
वहीं, अधिकांश राज्यों ने शादी और सामाजिक समारोहों की अनुमति में दी गई छूट को खत्म कर दिया है। मध्य प्रदेश में 250 से अधिक व्यक्तियों को अनुमति नहीं दी जाएगी, तो वहीं उत्तर प्रदेश में यह संख्या 100 कर दी गई है। हिमाचल प्रदेश में संख्या को घटाकर 200 कर दिया गया है। ओडिशा ने अभी भी धार्मिक स्थलों को बंद रखने का फैसला लिया है।