'भारत में कोरोनो मृत्यु दर दुनिया के मुकाबले आधे से भी कम, 60 दिनों में 1000 गुना बढ़ी जांच क्षमता'
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार (21 मई) को कहा कि भारत में कोविड-19 के कारण मृत्युदर 3.06 है, जबकि वैश्विक मृत्युदर 6.65 है। मंत्रालय ने इसके लिए समय पर मामलों की पहचान और उचित क्लीनिकल...

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार (21 मई) को कहा कि भारत में कोविड-19 के कारण मृत्युदर 3.06 है, जबकि वैश्विक मृत्युदर 6.65 है। मंत्रालय ने इसके लिए समय पर मामलों की पहचान और उचित क्लीनिकल प्रबंधन को श्रेय दिया। देश में बृहस्पतिवार को कोविड-19 के मामलों की संख्या बढ़कर 1,12,359 हो गई, जबकि इसके कारण जान गंवाने वालों की संख्या 3,435 पर पहुंच गई।
मंत्रालय ने कहा कि मृत्यु के मामलों के विश्लेषण से पता चलता है कि संक्रमण से मरने वालों में 64 प्रतिशत पुरुष और 36 प्रतिशत महिलाएं हैं। मृतकों को आयु के आधार पर बांटते हुए मंत्रालय ने बताया कि मौत के 0.5 प्रतिशत मामले 15 साल से कम आयु के बच्चों के हैं, 2.5 प्रतिशत मामले 15 से 30 साल की उम्र के बीच के, 11.4 प्रतिशत मामले 30 से 45 साल के बीच के, 35.1 प्रतिशत मामले 45-60 आयुवर्ग के और 50.5 प्रतिशत मामले 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के हैं।
मंत्रालय ने बताया कि मौत के 73 प्रतिशत मामलों में अन्य गंभीर बीमारियां भी साथ थीं। 60 साल से अधिक उम्र के लोगों और अन्य बीमारियां वालों को कोविड-19 के लिहाज से उच्च जोखिम वाले समूह में रखा गया है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ''संक्रमण के मामलों में भारत में मृत्युदर 3.06 प्रतिशत है, जो वैश्विक मृत्युदर 6.65 प्रतिशत की तुलना में बहुत कम है। यह समय पर मामलों का पता लगाने और उनके उचित क्लीनिकल प्रबंधन की दिशा में हमारे प्रयासों को दर्शाता है।"
देश में बुधवार (20 मई) सुबह से पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 5,609 नए मामले सामने आए और कुल मामलों की संख्या बढ़कर 1,12,359 तक पहुंच गई, जबकि संक्रमण के कारण मरने वाले लोगों की संख्या 3,435 हो गई। पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के संक्रमण से 132 लोगों की मौत हो गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में अभी 63,624 लोगों का इलाज चल रहा है, जबकि 45,299 लोग ठीक हो चुके हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ''इस प्रकार, अब तक लगभग 40.32 प्रतिशत मरीज ठीक हो चुके हैं।" इस बीच, आईसीएमआर ने कहा कि प्रत्येक संक्रमित पाए गए व्यक्ति के पीछे 20 ऐसी जांच की गई, जो नकारात्मक निकली। संस्था ने दावा किया कि पिछले दो माह में इस संक्रमण की जांच में 1000 गुना वृद्धि हुई है। बीस मई सुबह नौ बजे तक 25,12,388 नमूनों की जांच की जा चुकी थी तथा जांच की क्षमता प्रति दिन एक लाख तक बढ़ा दी गई है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने एक बयान में कहा कि दो माह पहले तक कोविड-19 की जांच की क्षमता 100 नमूने प्रति दिन से कम थी। किंतु मेडिकल कालेजों, प्रयोगशालाओं, मंत्रालयों, एयरलाइनों और डाक सेवाओं के मिलकर काम करने तथा संस्थानों की प्रतिबद्ध टीमों के कारण 60 दिनों में इस क्षमता में 1000 गुना का इजाफा किया गया।