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आरोग्य सेतु ऐप के यूजर्स चाहें तो डेटा करवा सकते हैं डिलीट, सरकार ने जारी की गाइडलाइन्स

सरकार ने आरोग्य सेतु ऐप के उपयोगकर्ताओं की जानकारियों (डेटा) के प्रोसेसिंग के लिए सोमवार को दिशानिर्देश जारी किया। इसमें कुछ नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों को कारावास की सजा का भी प्रावधान...

एजेंसी नई दिल्लीMon, 11 May 2020 11:37 PM
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सरकार ने आरोग्य सेतु ऐप के उपयोगकर्ताओं की जानकारियों (डेटा) के प्रोसेसिंग के लिए सोमवार को दिशानिर्देश जारी किया। इसमें कुछ नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों को कारावास की सजा का भी प्रावधान किया गया है। नये नियमों के तहत 180 दिनों से अधिक डेटा के भंडारण पर रोक लगायी गई है। इसके साथ ही उपयोगकर्ताओं के लिए यह प्रावधान किया गया है कि वे आरोग्य सेतु से संबंधित जानकारियों को मिटाने का अनुरोध कर सकते हैं। इस तरह के अनुरोध पर 30 दिन के भीतर अमल करना होगा।

नये प्रावधान केवल जनसांख्यिकीय, संपर्क, स्व-मूल्यांकन और कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों या उन लोगों के स्थान डेटा का संग्रह करने की अनुमति देते हैं जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय के सचिव अजय प्रकाश साहनी ने संवाददाताओं से कहा, डेटा गोपनीयता पर बहुत काम किया गया है। यह सुनिश्चित करने के लिए एक अच्छी गोपनीयता नीति बनायी गई है कि लोगों के व्यक्तिगत डेटा का दुरुपयोग न हो।

अभी तक 9.8 करोड़ लोगों ने आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड किया है। यदि इस ऐप के उपयोगकर्ता किसी संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आते हैं, तो ऐप उपयोगकर्ताओं को सचेत करता है। कोविड-19 को लेकर रोक वाले इलाकों में आरोग्य सेतु ऐप को अनिवार्य कर दिया गया है। दिशा-निर्देश में महामारी के प्रसार को नियंत्रित करने में शामिल विभिन्न एजेंसियों द्वारा डेटा को संभालने की प्रक्रिया तय की गयी है।

डेटा को अनुसंधान उद्देश्यों के लिए विश्वविद्यालयों के साथ भी साझा किया जा सकता है। हालांकि इसके लिए ऐप का उपयोग करने वाले व्यक्तियों की पहचान कर सकने वाली जानकारियों को पहले हटाना होगा। प्रावधानों में कहा गया है, इन निर्देशों के किसी भी उल्लंघन के लिये आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 से 60 के अनुसार दंड तथा अन्य कानूनी प्रावधान लागू हो सकते हैं। आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत जुर्माना लगाने से लेकर जेल की सजा तक का प्रावधान है।

साहनी ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण कार्य ऐप से विभिन्न विभागों में डेटा का प्रवाह है जहां व्यक्तियों की गोपनीयता पर बहुत जोर दिया गया है। उन्होंने कहा, ऐप के उपयोगकर्ताओं को डिवाइस आईडी दी जाती है जिसका उपयोग विभिन्न सूचनाओं और कार्यों को संसाधित करने के लिये किया जाता है। व्यक्ति के संपर्क का उपयोग केवल उपयोगकर्ता को सचेत करने के लिये किया जाता है। यह ऐप एंड्रॉइड, एप्पल के आईओएस और जिओ फोन पर उपलब्ध है। सरकार ने उन लोगों के लिये एक टोल फ्री नंबर 1921 भी जारी किया है जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है।
 

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