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कश्मीर से कर्नाटक और उत्तराखंड तक कोरोना लॉकडाउन की तोड़: एंबुलेंस को टैक्सी बना ट्रेवल और शराब तस्करी

देश में 24 मार्च से चल रहे ऑल इंडिया लॉकडाउन के दौरान जम्मू-कश्मीर से लेकर उत्तराखंड और कर्नाटक तक मेडिकल इमरजेंसी वाहन एंबुलेंस को टैक्सी की तरह इस्तेमाल करके ट्रेवल या शराब तस्करी करने की लगातार...

कश्मीर से कर्नाटक और उत्तराखंड तक कोरोना लॉकडाउन की तोड़: एंबुलेंस को टैक्सी बना ट्रेवल और शराब तस्करी
लाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्ली।Wed, 22 Apr 2020 09:15 PM
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देश में 24 मार्च से चल रहे ऑल इंडिया लॉकडाउन के दौरान जम्मू-कश्मीर से लेकर उत्तराखंड और कर्नाटक तक मेडिकल इमरजेंसी वाहन एंबुलेंस को टैक्सी की तरह इस्तेमाल करके ट्रेवल या शराब तस्करी करने की लगातार रिपोर्ट आ रही है। महीने की शुरुआत में ही जम्मू से पुंछ जा रही एक एंबुलेंस को पुलिस ने रोका तो पता चला कि मुर्दा बताकर उसमें ले जाया जा रहा आदमी जिंदा था। इस हफ्ते उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों में एंबुलेंस से लोगों के दिल्ली जाने और वहां से लौटने के मामलों को पुलिस ने पकड़ा है। कर्नाटक में पुलिस ने एंबुलेंस से गांव-गांव में शराब तस्करी करने वाले गिरोह को गिरफ्तार किया है।

शुरुआत जम्मू-कश्मीर से जहां अप्रैल की शुरुआत में ही एक गैंग पकड़ा गया जो अस्पताल से फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवाकर जिंदा आदमी को मुर्दा की तरह यहां से वहां ले जाता था और इसके बदले लेता था 7500 रुपए। जम्मू से पुंछ जा रहे पांच लोगों को जब पुलिस ने पकड़ा तो मुर्दा जिंदा हो उठा और सारे गिरफ्तार हो गए। पुलिस को इलाके के मुखबिर खबर दे रहे थे कि महंगा किराया चुकाकर लोग एंबुलेंस को टैक्सी की तरह हायर करके यहां-वहां जा रहे हैं।

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अब चलिए उत्तराखंड। राज्य के कुमाऊं इलाके में कम से कम ऐसे चार मामले पकड़े गए हैं। पुलिस ने सबको केस दर्ज करके क्वारंटाइन होम पहुंचा दिया है। ताजा मामला उधम सिंह नगर जिले के काशीपुर का है जब तीन महिला समेत छह लोग एंबुलेस से जिले में आए। पुलिस ने परमिशन या पास मांगा तो ड्राइवर की बोलती बंद हो गई। इस फैमिली के एक सदस्य ने पुलिस को बताया कि ये लोग एक गर्भवती महिला के बच्चा पैदा होने के इंतजाम में दिल्ली गए थे लेकिन लॉकडाउन में फंस गए थे। किसी और परिवहन का इंतजाम नहीं था इसलिए एंबुलेंस से लौट रहे थे। काशीपुर पुलिस ने ही एक लोकल आदमी के खिलाफ केस किया है जो दिल्ली में फंसे पत्नी और एक बच्चे को लाने यहां से एंबुलेंस से गया और वापस भी लौट आया। वापसी में पुलिस ने पकड़ लिया। ड्राइवर और परिवार के मुखिया पर केस हो गया है।

अब बात कर्नाटक की। एंबुलेंस का इस्तेमाल कश्मीर और उत्तराखंड में तो लोग घर जाने या लौटने के लिए कर रहे हैं लेकिन कर्नाटक में इसका इस्तेमाल तस्कर गांव-गांव में शराब पहुंचाने में कर रहे हैं। मंगलवार को पुलिस ने एनएच 13 पर शिवगंगा गांव के पास एक एंबुलेंस को तेजी से जाते देखा लेकिन नजरअंदाज कर दिया। लेकिन कुछ देर बाद पुलिस टीम ने इस गाड़ी को सड़क किनारे और एक दूसरी कार इसके पास लगी देखी तो शक हो गया। पता चला कि एंबुलेंस सरकारी स्वास्थ्य केंद्र की है और उसे शराब की तस्करी में इस्तेमाल किया जा रहा है। पुलिस ने बताया कि ये लोग उस इलाके में 90 रुपए की शराब 500 रुपए में बेच रहे थे।

कर्नाटक में 19 अप्रैल को दक्षिण कन्नड जिला की सीमा पर ऐसे ही एक एंबुलेंस को पकड़ा गया क्योंकि उसमें सात-सात लोग सवार थे। पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि एंबुलेंस से पुट्टर से मैसूर जा रहे थे। ऐसी ही 13 अप्रैल को बेंलगुरू से चिकमगलूर जा रहा एक एंबुलेंस पकड़ा गया था जिसमें पांच लोग सवार थे। इस एंबुलेंस के ड्राइवर ने इस काम के लिए 28 हजार रुपए लिए थे। ड्राइवर तो बड़ी चालाकी से लगभग पूरा रास्ता निकाल चुका था लेकिन पास के चेक पोस्ट पर फंस गया जब पुलिस को लगा कि बेंगलुरू नंबर की कार पांच लोगों के साथ ग्रामीण इलाके में क्यों आई है।

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