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देश की सुरक्षा से खिलवाड़ः वेस्ट यूपी में तैयार किया जाता है साजिशों का तानाबाना

मेरठ छावनी की गोपनीय सूचना और ब्रह्मोस से जुड़ी जानकारियों समेत तमाम बड़ी साजिशों का तानाबाना वेस्ट में तैयार किया जा रहा था। दर्जनभर से ज्यादा आतंकी और प्रतिबंधित संगठन यहां सक्रिय हैं। पाकिस्तान की...

देश की सुरक्षा से खिलवाड़ः वेस्ट यूपी में तैयार किया जाता है साजिशों का तानाबाना
वरिष्ठ संवाददाता,मेरठFri, 19 Oct 2018 01:32 AM
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मेरठ छावनी की गोपनीय सूचना और ब्रह्मोस से जुड़ी जानकारियों समेत तमाम बड़ी साजिशों का तानाबाना वेस्ट में तैयार किया जा रहा था। दर्जनभर से ज्यादा आतंकी और प्रतिबंधित संगठन यहां सक्रिय हैं। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की भी वेस्ट में गहरी पैठ है। देश की सुरक्षा एजेंसियों और एटीएस ने यहां कई बार बड़े खुलासे भी किए हैं। अब दोबारा से खालिस्तान समर्थकों की दस्तक और आईएसआई की साजिश का शिकार बने फौजी की धरपकड़ के बाद पूरे वेस्ट में सुरक्षा हाईअलर्ट पर है। 

तीन साल पहले पकड़ा गया था आईएसआई का जासूस एजाज  

एसटीएफ ने आईबी के अलर्ट के बाद मेरठ कैंट से पाकिस्तानी नागरिक और आईएसआई के जासूस एजाज की धरपकड़ तीन साल पहले की थी। एजाज ने मेरठ सैन्य छावनी के नक्शे समेत कई गोपनीय जानकारी बाहर भेजी थी। बरेली कैंट, देश की पनडुब्बी परियोजना, एयरफोर्स स्टेशन हिंडन और सहारनपुर बेस की सूचनाएं आईएसआई को भेजी थी। 

खालिस्तान समर्थकों की धरपकड़

शामली में अक्टूबर माह में खालिस्तान समर्थकों ने होमगार्ड को गोली मारकर इंसास राइफल और अन्य असलाह लूटे थे। पुलिस ने तीन खालिस्तान समर्थकों को मुठभेड़ के बाद दबोचा। खुलासा हुआ कि पुलिस की वर्दी पहनकर और पुलिस के असलाह लेकर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की रैली के दौरान हत्या की साजिश बनाई गई थी। 

आतंकी फंडिंग का खुलासा

एसटीएफ और एटीएस ने लखनऊ में आतंकी फंडिंग का खुलासा करते हुए 10 लोगों की धरपकड़ की थी। इसके बाद मेरठ जोन के भी कुछ लोगों के नाम सामने आए। चार फरवरी को एनआईए ने मुजफ्फरनगर के दो कारोबारी दिनेश गर्ग और आदेश जैन को इसी आतंकी फंडिंग के मामले में उठाया था। खुलासा हुआ कि आतंकी संगठन को हवाला के जरिये पैसा मुहैया कराया जा रहा था। 

कई आतंकी संगठन सक्रिय

हिजबुल मुजाहिदीन, सिमी, लश्कर, आईएम, हरकत अंसार, जैश ए मोहम्मद जैसे संगठन लगातार वेस्ट में सक्रिय हैं। बड़ी वारदात अंजाम देने की फिराक में लगे रहते हैं। सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता के कारण कई बार इन संगठन के आतंकियों की प्लानिंग फेल भी हो चुकी है। यही कारण है कि आईएसआई स्लीपिंग मॉडयूल्स और हनीट्रैप के सहारे देश की सुरक्षा में सेंधमारी कर रही है। 

दंगे के बाद युवाओं पर निशाना

मुजफ्फरनगर दंगों के बाद आतंकी संगठनों की नजर वेस्ट यूपी पर लग गई थी। कुछ लोगों को बरगलाकर आतंकी संगठन में शामिल किया गया था। मुजफ्फरनगर के लोई शिविर से गायब हुए फुगाना निवासी रोजू्द्दीन व सलीम को आतंकियों ने साथ मिलाने का प्रयास भी किया था। 

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