ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News देशफिर टूटेगी पार्टी? PM मोदी से कांग्रेस सांसद केटीएस तुलसी की मुलाकात के निकाले जा रहे मायने

फिर टूटेगी पार्टी? PM मोदी से कांग्रेस सांसद केटीएस तुलसी की मुलाकात के निकाले जा रहे मायने

पीएम नरेंद्र मोदी से कांग्रेस के वरिष्ठ राज्यसभा सांसद केटीएस तुलसी की एक मुलाकात से राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। केटीएस तुलसी यूं तो पीएम नरेंद्र मोदी को अपनी दिवंगत मां की ओर से गुरु...

फिर टूटेगी पार्टी? PM मोदी से कांग्रेस सांसद केटीएस तुलसी की मुलाकात के निकाले जा रहे मायने
हिन्दुस्तान टाइम्स,नई दिल्लीFri, 09 Jul 2021 05:12 PM

इस खबर को सुनें

0:00
/
ऐप पर पढ़ें

पीएम नरेंद्र मोदी से कांग्रेस के वरिष्ठ राज्यसभा सांसद केटीएस तुलसी की एक मुलाकात से राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। केटीएस तुलसी यूं तो पीएम नरेंद्र मोदी को अपनी दिवंगत मां की ओर से गुरु गोबिंद सिंह पर लिखी गई एक पुस्तक भेंट करने के लिए मिले थे, लेकिन इससे राजनीतिक कयासों ने जोर पकड़ लिया है। पीएम नरेंद्र मोदी के साथ उन्हें परिवार समेत कई तस्वीरें खिंचवाई और पीएम आवास पर काफी देर तक ठहरे। इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में केटीएस तुलसी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का हिस्सा हो सकते हैं। हालांकि ऐसे कयासों पर कांग्रेस की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। 

पीएम नरेंद्र मोदी ने केटीएस तुलसी के साथ मुलाकात की तस्वीरें भी ट्विटर पर शेयर की हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, 'नामी वकील केटीएस तुलसी जी की दिवंगत मां बलजीत कौर तुलसी की ओर से लिखित पुस्तक 'श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की रामायण' की पहली कॉपी प्राप्त हुई। इस पुस्तक का प्रकाशन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र की ओर से किया गया है।' इसके अलावा उन्होंने कुछ और तस्वीरें शेयर कीं, जिनमें वह राज्य सांसद सोनल मान सिंह के साथ दिख रहे हैं। सोनल मानसिंह के पास इंदिरा गांधी कला केंद्र के ट्रस्ट के सदस्य की भी जिम्मेदारी है।

हालांकि इस बाबत संपर्क किए जाने पर केटीएस तुलसी ने कहा कि पीएम मोदी को लगा होगा कि शायद मैं उन्हें पहली कॉपी दे रहा हूं, लेकिन ऐसा नहीं था। किताब की पहली प्रति मैंने पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह को दो महीने पहले भेंट की थी। पीएम नरेंद्र मोदी से नजदीकियां बढ़ने के सवाल पर केटीएस तुलसी ने कहा कि ऐसा नहीं है। तुलसी ने कहा कि पुस्तक के प्रकाशक चाहते थे कि मुझे इसकी एक प्रति पीएम नरेंद्र मोदी को भेंट करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक को वास्तव में 2008 में गुरु गोविंद सिंह की 300 वीं जयंती के मौके पर रिलीज किया गया था। 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें