
यूपी चुनाव: बहुत संभल कर फैसले कर रही है कांग्रेस, चुनिंदा सीटों पर ही है फोकस
संक्षेप: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बहुत संभल कर कदम रख रही है। ज्यादा से ज्यादा सीट पर चुनाव लड़ने की कोशिश के बजाए पार्टी मजबूत सीट पर फोकस कर रही है। पार्टी अपनी चुनाव रणनीति भी इन सीटों को...
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बहुत संभल कर कदम रख रही है। ज्यादा से ज्यादा सीट पर चुनाव लड़ने की कोशिश के बजाए पार्टी मजबूत सीट पर फोकस कर रही है। पार्टी अपनी चुनाव रणनीति भी इन सीटों को केंद्र में रखकर तैयार कर रही है। ताकि, वह चुनाव में इन चुनिंदा सीट पर जीत दर्ज कर सके।

पिछले चुनावों के प्रदर्शन के आधार पर पार्टी ने इन सीट पर पहचान की है। इन सीट पर पूरा फोकस करने के निर्णय से पहले पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने खुद उम्मीदवारों से मुलाकात कर यह सुनिश्चित किया कि वह चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं है। किसी उम्मीदवार ने असमर्थता जताई तो नए नेता को मौका दिया।
तीन दर्जन से कुछ अधिक इन सीट पर पार्टी ने मप्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ से विधायकों और पूर्व विधायकों को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। इन पर्यवेक्षकों को सिर्फ वोट में वृद्धि की जिम्मेदारी सौंपी गई है। चुनाव खत्म होने तक क्षेत्र में तैनात रहने वाले इन पर्यवेक्षकों से कहा गया है वह सीधे अपने सुझाव भेजें।
प्रदेश कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि पार्टी चुनाव में इन सीटों पर फोकस करेगी, क्योंकि, इन क्षेत्रों में पार्टी उम्मीदवार के पास कम से कम बीस हजार वोट हैं। पार्टी इसमें कुछ और वोट जोड़ने में सफल रहती है, तो जीत की दहलीज तक पहुंचा जा सकता है। इसलिए, पार्टी अपनी कोशिशों में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती।
पिछले बीस साल में कांग्रेस का सबसे अच्छा प्रदर्शन 2012 के चुनाव में रहा था। पार्टी ने 355 सीट पर चुनाव लड़कर 28 सीट जीती और उसे करीब 12 फीसदी वोट हासिल हुए। पर 2017 में पार्टी सपा के साथ गठबंधन के बावजूद पार्टी 114 सीट पर चुनाव लड़कर सिर्फ सात सीट हासिल कर पाई और उसे सवा छह फीसदी वोट मिले।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि पार्टी विपक्षी एकता की हिमायत करती रही है। पर गठबंधन न होने की स्थिति में भी पार्टी अकेले चुनाव लडती है, तो इन सीट पर जीत के लिए पार्टी पूरी ताकत झोकेंगी। पार्टी बाकी साढे तीन सौ सीट पर भी चुनाव लडेगी, पर चुनाव रणनीति के केंद्र में यह चुनिंदा सीट ही रहेंगी।





