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गुरदासपुर उपचुनाव: जानिए कौन हैं कांग्रेस की जीत के नायक सुनील जाखड़

पंजाब की गुरदासपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव में कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल की है। इस चुनाव को पंजाब में कांग्रेस सरकार की 6 महीने की परफॉर्मेंस से जोड़ कर देखा जा रहा है। कांग्रेस के कद्दावर...

गुरदासपुर उपचुनाव: जानिए कौन हैं कांग्रेस की जीत के नायक सुनील जाखड़
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीSun, 15 Oct 2017 12:52 PM
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पंजाब की गुरदासपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव में कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल की है। इस चुनाव को पंजाब में कांग्रेस सरकार की 6 महीने की परफॉर्मेंस से जोड़ कर देखा जा रहा है। कांग्रेस के कद्दावर नेता और प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने इस सीट भारी वोटों से बीजेपी को मात दी। उन्होंने एक लाख 93 हजार वोटों से बीजेपी के उम्मीदवार स्वर्ण सलारिया को हराया। इसके अलावा इस सीट पर आम आदमी पार्टी की तरफ से मेजर जनरल सुरेश खजारिया खड़े हुए थे। 

कौन हैं सुनील जाखड़
बता दें कि पंजाब में कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में गिने जाने वाले सुनील जाखड़ मौजूदा समय में पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी यानि पीपीसीसी के अध्यक्ष हैं। वह 2002 से पंजाब की अबोहार सीट से लगातार तीन बार विधायक रहे हैं। जाखड़ 2012 से लेकर 2017 तक पंजाब विधानसभा में नेता विपक्ष की भूमिका में भी रहे।

सुनील जाखड़ पंजाब में सबसे साफ छवि के नेताओं में गिने जाते हैं। वह साल 2002 में अबोहार सीट जीतकर पहली बार विधायक बने थे। इसके बाद 2007 और 2012 के चुनावों में वो फिर से विधायक चुने गए।

कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे बलराम जाखड़ के बेटे हैं सुनील 
सुनील जाखड़ कांग्रेस पार्टी के दिवंगत नेता बलराम जाखड़ के बेटे हैं। बलराम जाखड़ 1980-1989 के बीच लोक सभा के स्पीकर रहे थे। वो इस पद पर दो बार काबिज हुए थे। बलराम 2004 से लेकर 2009 तक मध्य प्रदेश के राज्यपाल भी रहे। 

अकाली दल के नेताओं के खिलाफ की थी शिकायत
यूं तो जाखड़ पंजाब के ईमानदार नेताओं में गिने जाते हैं लेकिन एक विवाद भी उनसे जुड़ा हुआ है। इसी साल 7 जनवरी को सुनील जाखड़ ने पंजाब के चुनाव आयुक्त से शिरोमणी अकाली दल के नेताओं के खिलाफ शिकायत की थी। इस शिकायत में उन्होंने अकाली दल के नेता शिवलाल दोहा और उनके भतीजे पर जेल के अंदर सात अलग-अलग मोबाइल इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।

गौरतलब है कि गुरदासपुर लोकसभा उपचुनाव में मुख्य राजनीतिक दल कांग्रेस, भाजपा और आप के बीच मुकाबला हुआ। कांग्रेस उम्मीदवार सुनील जाखड़ ने पहले दावा किया था कि यह उपचुनाव मोदी सरकार पर जनमत संग्रह होगा। बीजेपी ने इस सीट को वापस पाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी। इस सीट से विनोद खन्ना भाजपा के टिकट पर चार बार चुनाव जीते थे।  यह सीट अभिनेता से नेता बने विनोद खन्ना के अप्रैल में निधन के बाद खाली हो गई थी।

इस सीट पर 11 अक्टूबर को हुए उपचुनाव में 56 फीसदी मतदान हुआ जो साल 2014 के आम चुनावों में हुए 70 फीसदी मतदान के मुकाबले कम है। इस सीट के तहत आने वाली नौ सीटों में से डेरा बाबा नानक विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा 65 फीसदी मतदान हुआ जबकि बटाला विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम 50 फीसदी मतदान हुआ।

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