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मोदी सरकार सेंट्रल PSU कर्मचारियों का DA बढ़ाने की बजाए फ्रीज कर रहीः राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर से केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्विटर कर कहा है कि सरकारी कर्मचारियों के हालत खराब हैं, तो वहीं दूसरी और पूंजीपति मित्र मुनाफा कमाने में मस्त हैं।...

मोदी सरकार सेंट्रल PSU कर्मचारियों का DA बढ़ाने की बजाए फ्रीज कर रहीः राहुल गांधी
हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीFri, 20 Nov 2020 05:08 PM
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर से केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्विटर कर कहा है कि सरकारी कर्मचारियों के हालत खराब हैं, तो वहीं दूसरी और पूंजीपति मित्र मुनाफा कमाने में मस्त हैं। गांधी ने कहा है कि, "खाद्य पदार्थ की महंगाई दर 11.1% पार! लेकिन मोदी सरकार सेंट्रल PSU कर्मचारियों का DA बढ़ाने की बजाय फ्रीज कर रही है। सरकारी कर्मचारियों की हालत पस्त,पूंजीपति ‘मित्र’ मुनाफ़ा कमाने में मस्त!"

मोदी सरकार को राहुल गांधी पहले भी कई मुद्दों पर घेरते रहे हैं। उन्होंने केन्द्र की मोदी सरकार पर खराब आर्थिक हालत, नोटबंदी और कोरोना के बढ़ते मामलों समेत कई मुद्दों को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार के गलत समय पर लिए गलत निर्णयों के कारण अर्थव्यवस्था की यह हालत हुई है। वहीं कल उन्होंने कोरोना के मढ़ते मामलों पर सरकार को घेरा था। गांधी ने ट्वीट किया था कि मोदी सरकार का रिपोर्ट कार्ड : कोरोना मृत्यु दर में सबसे आगे,जीडीपी दर में सबसे पीछे।

कोरोना ने बिगाड़ी पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था

कोरोना के कारण पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था संकट के दौर से गुजर रही है। भारत की स्थिति भी खराब बनी है। पिछले दिनों ऐसी कई रिपोर्टें आयी थीं जिनके अनुसार देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) बीते साल की तुलना में 8.6 प्रतिशत घटने का अनुमान है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने पहले ही अनुमान लगाया है कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी में 9.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि स्थितियों को सामान्य होने में वक्त लगेगा लेकिन वह सुधरेंगी।

अब संकुचन की दर भी कम हो रही है और स्थितियों के बेहतर होने की उम्मीद की जा रही है। लॉकडाउन के बाद अब केंद्र सरकार ने अनलॉक की प्रक्रिया शुरू कर दी है। छोटे और मंझोले कारोबारियों के साथ ही देश में कारोबारियों और लघु एवं मध्यम उद्योगों को तगड़े घाटे का समना करना पड़ रहा है। भारत के साथ ही अन्य देश भी अपनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

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