ज्योतिरादित्य सिंधिया बोले, मुझे भी पिता की तरह किसी पद की लालसा नहीं
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं सासंद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक साक्षात्कार में कहा कि उन्हें भी अपने पिता की तरह किसी पद की लालसा नहीं है। पार्टी उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपती है, वे उसी का पालन करते...
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं सासंद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक साक्षात्कार में कहा कि उन्हें भी अपने पिता की तरह किसी पद की लालसा नहीं है। पार्टी उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपती है, वे उसी का पालन करते हैं। मध्य प्रदेश में कमलनाथ को मुख्यमंत्री घोषित किए जाने की बात पर सिंधिया ने कहा कि उन्हें इस बात पर कोई खेद नहीं है कि उन्हें मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया गया।
उन्होंने कहा कि मैंने सहज रूप से पार्टी हाईकमान की बात मानी और फैसला स्वीकार किया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, जीवन में यह जानना बहुत जरूरी है कि आप क्या प्रचारित करते हैं। इस पर मैं यही कहना चाहूंगा कि मैं हमेशा पार्टी हाईकमान के फैसलों का पालन करता रहा हूं। सिंधिया ने मध्य प्रदेश का उपमुख्यमंत्री पद दिए जाने की बात पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
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उन्होंने कहा कि संसद में पहले ही उन्हें पार्टी की तरफ से महत्वपूर्ण जिम्मेदारी (मुख्य सचेतक) दी गई है। आगे यह केंद्रीय नेतृत्व को ही तय करना है कि मुझे और कौन सी जिम्मेदारी दी जा सकती है। उन्होंने कहा- हमें केवल जमीन पर उतरकर काम करना होता है और पार्टी को मजबूत बनाना होता है।
मध्य प्रदेश: 30 साल बाद पिता की तरह सिंधिया भी सीएम बनते-बनते रह गए
मध्य प्रदेश में युवा चेहरे की बजाय तजुर्बे को अहमियत दिए जाने की बात पर सिंधिया ने कहा- मुझे ऐसा लगता है कि यहां बात क्षमता की है ना कि उम्र या तजुर्बे की। यहां मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि मेरे पिता की तरह मुझे भी किसी प्रकार के पद की लालसा नहीं है। इसके पहले सिंधिया ने शुक्रवार दोपहर में एक ट्वीट किया-‘मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंजिल मगर
लोग साथ आते गए और कारवां बनता गया’
- मजरूह सुल्तानपुरी
"मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर
— Jyotiraditya Scindia (@JM_Scindia) December 14, 2018
लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया"
- मजरूह सुल्तानपुरी pic.twitter.com/hjiYn5TE6V