हार्दिक पटेल को मिली जमानत, राजद्रोह केस में पेश ना होने पर हुई थी गिरफ्तारी
कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को 2015 के राजद्रोह मामले में निचली अदालत में उपस्थित नहीं होने पर गिरफ्तार होने के चार दिन बाद जमानत मिल गई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बी जी गणात्रा ने पटेल को इस शर्त पर...
कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को 2015 के राजद्रोह मामले में निचली अदालत में उपस्थित नहीं होने पर गिरफ्तार होने के चार दिन बाद जमानत मिल गई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बी जी गणात्रा ने पटेल को इस शर्त पर जमानत दी कि वह अदालती कार्यवाही में सहयोग करेंगे और जब तक कोई वाजिब कारण नहीं होगा तब तक स्थगन नहीं लेंगे।
अदालत 24 जनवरी को राजद्रोह के मामले की अगली सुनवाई करेगी। पिछले शनिवार (18 जनवरी) को न्यायाधीश गणात्रा ने पाटीदार नेता के सुनवाई के दौरान उपस्थित नहीं होने पर पटेल के खिलाफ सरकार की याचिका स्वीकार करते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इसके बाद अहमदाबाद जिले के वीरमगाम से जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
अदालत ने पाया था कि पटेल सुनावई के दौरान सहयोग न करके अपनी जमानत की शर्तों की अवज्ञा कर रहे थे। अहमदाबाद में 25 अगस्त 2015 को पटेल समुदाय की एक रैली के दौरान हिंसा भड़कने के बाद स्थानीय अपराध शाखा ने राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कर पटेल को पहले भी गिरफ्तार किया था।
क्या है मामला
यह मामला 25 अगस्त 2015 को अहमदाबाद के जीएमडीसी मैदान में हुई विशाल पाटीदार आरक्षण समर्थक रैली के बाद हुए राज्यव्यापी तोड़फोड़ और हिंसा को लेकर यहां क्राइम ब्रांच ने उसी साल अक्टूबर में दर्ज किया था। इसमें कई सरकारी बसें, पुलिस चौकियां और अन्य सरकारी संपत्ति में आगजनी की गई थी तथा इस दौरान एक पुलिसकर्मी समेत लगभग दर्जन भर लोग मारे गए थे जिनमें कई पुलिस फायरिंग के चलते मरे थे। पुलिस ने आरोप पत्र में हार्दिक और उनके सहयोगियों पर चुनी हुई सरकार को गिराने के लिए हिंसा फैलाने का षडयंत्र करने का आरोप लगाया था।