Hindi Newsदेश न्यूज़Congress General Secretary Priyanka on sit in protest to meet viction of Sonbhadra Massacre

प्रियंका के सोनभद्र जाने से रोक को कांग्रेस ने बताया अलोकतांत्रिक, कहा- ये है गुप्त इमरजेंसी

सोनभद्र में पीड़ितों से मिलने के लिए गई प्रियंका को चुनार में पुलिस की तरफ से रोके जाने पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि यह सरकार नहीं चाहती है कि कोई...

प्रियंका के सोनभद्र जाने से रोक को कांग्रेस ने बताया अलोकतांत्रिक, कहा- ये है गुप्त इमरजेंसी
लाइव हिन्दुस्तान नई दिल्ली। Sat, 20 July 2019 07:34 AM
share Share

सोनभद्र में पीड़ितों से मिलने के लिए गई प्रियंका को चुनार में पुलिस की तरफ से रोके जाने पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि यह सरकार नहीं चाहती है कि कोई पीड़ितों के आंसुओं को पोछे। जो कुछ भी हुआ वह असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक था और ऐसा लगता है कि यूपी सरकार ने अपने अभिशाप को छिपाने के लिए गुप्त रूप से इमरजेंसी लागू कर दी है।

सोनभद्र फायरिंग में हुई 10 लोगों की मौत के मुद्दे पर प्रमोद तिवारी की अगुवाई में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल राम नाईक स मुलाकात की। 

प्रियंका ने की सोनभद्र फायरिंग के पीड़ितों से मुलाकात

इससे पहले, शुक्रवार से धरने पर बैठी प्रियंका गांधी चुनार में ही सोनभ्र के पीड़ित परिवार से मुलाकात की। प्रियंका ने सोनभद्र फायरिंग के पीड़ितों से मुलाकात के बाद कहा- “पीड़ित के दो रिश्तेदार हमसे मिलने आए जबकि अन्य 15 लोगों को नहीं मिलने दिया गया। यहां तक कि मुझे भी नहीं मिलने की इजाजत दी जा रही है। भगवान जाने इनकी मानसिकता क्या है? आप थोड़ा दबाव बनाइये, उन्हें आने दीजिए।”

सोनभद्र जाने से पुलिस ने प्रियंका को रोका

शुक्रवार को  प्रियंका जिस वक्त मृतक के परिजनों से मिलने के लिए जा रही थी तो नारायणपुर पुलिस ने वहां पर जाने से रोक दिया था।

उधर, प्रियंका गांधी के इस प्रदर्शन के समर्थन में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शनिवार की सुबह रवाना हो गए। तो वहीं, तृणमूल कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल भी शनिवार की सुबह उनसे मिलने के रवाना हुआ।

हालांकि, पुलिस ने टीएमसी प्रतिनिधिमंडल को बाबरपुर के लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर वाराणसी पुलिस ने रोक दिया।

— ANI UP (@ANINewsUP) July 20, 2019

क्या है ये मामला

17 जुलाई को सोनभद्र में घोरावल के उभ्भा गांव में 112 बीघा खेत के लिए दस ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया गया था। लगभग चार करोड़ रुपए की कीमत की इस जमीन के लिए प्रधान और उसके पक्ष ने ग्रामीणों पर अंधाधुन फायरिंग कर दी थी। इस हादसे में 25 अन्य लोग घायल हो गए थे।

ऐसे हुई थी घटना

सोनभद्र में घोरावल के उम्भा गांव में 112 बीघा खेत जोतने के लिए गांव का प्रधान यज्ञदत्त गुर्जर 32 ट्रैक्टर लेकर पहुंचा था। इन ट्रैक्टरों पर लगभग 60 से 70 लोग सवार थे। यह लोग अपने साथ लाठी-डंडा, भाला-बल्लम और राइफल और बंदूक लेकर आए थे। गांव में पहुंचते ही इन लोगों ने ट्रैक्टरों से खेत जोतना शुरू कर दिया। जब ग्रामीणों ने विरोध किया तो यज्ञदत्त और उनके लोगों ने ग्रामीणों पर लाठी-डंडा, भाला-बल्लम के साथ ही राइफल और बंदूक से भी गोलियां चलानी शुरू कर दी।

सोनभद्र गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने जाते समय शुक्रवार की दोपहर हिरासत में ली गईं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी 20 घण्टे बाद भी चुनार के गेस्ट हाउस में हैं। 

प्रियंका को वाराणसी के ट्रामा सेंटर से निकलते ही नारायनपुर में हिरासत में ले लिया गया था। उन्हें एसडीएम की गाड़ी से चुनार किले के गेस्ट हाउस लाया गया और सोनभद्र के अलावा कहीं भी जाने की छूट दी गई। प्रियंका केवल सोनभद्र ही जाने और पीड़ितों के परिजनों से मिलने पर अड़ी रहीं। प्रियंका को मनाने के लिए देर रात करीब 11 बजे वाराणसी से एडीजी ब्रजभूषण और कमिश्नर दीपक अग्रवाल भी पहुंचे और दो दौर की बातचीत के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला।

चुनार के जिस गेस्ट हाउस में प्रियंका गांधी को रखा गया है वहां रात भर कार्यकर्ताओं का भी जमावड़ा लगा रहा। रात भर गेस्ट हाउस पर भीड़ कुछ कम रही। सुबह होते ही एक बार फिर भीड़ बढ़ने लगी है। राज्यसभा सांसद पीएल पुनिया रात तीन बजे तक यहीं रहने के बाद सुबह सात बजे फिर पहुंच गए।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें