पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बीच असंतुष्ट नेताओं की बयानबाजी को लेकर कांग्रेस के साथ खुद असंतुष्टों में नाराजगी है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले कई असंतुष्ट नेता गुलाम नबी आजाद के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करने से खुश नहीं है। उनका मानना है कि आजाद को इससे परहेज करना चाहिए। पश्चिम बंगाल में गठबंधन पर आनंद शर्मा के ट्वीट को भी कई नेता गैर जरूरी मानते हैं।
असंतुष्ट नेताओं में शामिल कई नेताओं को पार्टी संगठन में जिम्मेदारी सौंप चुकी हैं। इनमे पार्टी महासचिव मुकुल वासनिक शामिल हैं। इसके साथ अरविंदर सिंह लवली को कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की जिम्मेदारी संभालने वाले केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण का सदस्य बनाया गया है। पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले 23 नेताओं में शामिल पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद पश्चिम बंगाल प्रभारी के तौर पर मजबूती से अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
पार्टी ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को असम विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन की जिम्मेदारी सौंपी है। ऐेसे में साफ है कि पिछले कुछ दिनों में असंतुष्ट नेताओं का समूह कमजोर हुआ है। जम्मू में कुछ असंतुष्ट नेताओं के इकठ्ठा होने और उसके बाद प्रधानमंत्री की तारीफ से भी कई असंतुष्ट नेता नाराज हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री एम वीरप्पा मोइली साफ कर चुके हैं कि पत्र सीमित उद्देश्य के लिए था।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए एम वीरप्पा मोइली ने कहा कि चुनाव प्रचार के बीच पार्टी से संबंधित किसी भी विषय पर चर्चा करने का यह उपयुक्त समय नहीं है। इससे साफ है कि मोइली चुनाव प्रचार के बीच कुछ असंतुष्ट नेताओं की तरफ से जारी बयानबाजी से सहमत नहीं है। एक नेता ने बताया कि वरिष्ठ नेता पीजे कुरियन भी कुछ असंतुष्ट नेताओं की गतिविधियों से नाराज है। उनका कहना है कि हमें लक्ष्मण रेखा का पालन करना होगा।