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अपने ही नेताओं के बयानों में घिरती जा रही कांग्रेस, लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी पर विवाद बढ़ा

राजस्थान संकट के साथ कांग्रेस में वरिष्ठ और युवा नेताओं में टकराव बढ़ता जा रहा है। पार्टी में 2014 के लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी को लेकर विवाद बढ़ रहा है। पार्टी के कई नेता अब इस लड़ाई में खुलकर...

अपने ही नेताओं के बयानों में घिरती जा रही कांग्रेस, लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी पर विवाद बढ़ा
विशेष संवाददाता,नई दिल्लीSun, 02 Aug 2020 05:11 AM
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राजस्थान संकट के साथ कांग्रेस में वरिष्ठ और युवा नेताओं में टकराव बढ़ता जा रहा है। पार्टी में 2014 के लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी को लेकर विवाद बढ़ रहा है। पार्टी के कई नेता अब इस लड़ाई में खुलकर सामने आ गए हैं। पार्टी की हार के लिए यूपीए सरकार को जिम्मेदार ठहराने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी लगातार आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं।

मनीष ने शनिवार (1 अगस्त) को फिर ट्वीट कर कहा कि भाजपा 2004 से 2014 तक सत्ता से बाहर थी। उन्होंने एक बार भी वाजपेयी या उनकी सरकार को दोषी नहीं ठहराया, लेकिन कांग्रेस में दुर्भाग्य से कुछ कम जानकार लोग एनडीए और भाजपा से लड़ने के बजाय डॉ. मनमोहन सिंह पर निशाना साध रहे हैं। पार्टी के कई नेताओं ने मनीष तिवारी का समर्थन किया है। इनमें सबसे अहम मिलिंद देवड़ा हैं।

मिलिंद ने मनीष तिवारी के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा कि आपने सही कहा। साल 2014 में मनमोहन सिंह ने जब पद छोड़ा था, तब उन्होंने कहा था कि इतिहास मेरे प्रति ज्यादा दयालु होगा। मिलिंद देवड़ा ने कहा कि हमने कभी सोचा नहीं था कि उनकी ही पार्टी के कुछ लोग उनकी वर्षों की सेवा को खारिज कर देंगे और उनकी छवि को नुकसान पहुंचाएंगे। वो भी उनके रहते हुए।

मिलिंद के साथ शशि थरूर ने भी मनीष तिवारी का समर्थन करते हुए ट्वीट किया है। शशि थरूर ने यूपीए सरकार के दस साल को परिवर्तनकारी करार दिया। उन्होंने कहा कि हमे पराजयों से सीखने के लिए बहुत कुछ है। पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए बहुत कुछ किया जाना है। हमें अपने वैचारिक दुश्मनों के हाथों में नहीं खेलना चाहिए।

क्या है विवाद
कांग्रेस में इस लड़ाई की शुरुआत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की पार्टी के राज्यसभा सांसदों की बैठक से शुरू हुई। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के कुछ सांसदों ने साल 2014 और 2019 की हार को लेकर भी कई बातें कहीं। सोनिया गांधी की बैठक में वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल और पी चिदंबरम ने कहा कि हमें हार पर आत्ममंथन करने की जरूरत है। वहीं, नवनिर्वाचित सांसद राजीव सातव ने कहा कि आत्ममंथन की शुरुआत हमें पहले अपने घर से करनी चाहिए। इसके बाद सातव ने यूपीए सरकार को लेकर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि हर तरह से आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। हम 44 पर कैसे आए? इस पर गौर किया जाना चाहिए। हमें 2009 चुनाव में 200 से अधिक सीटें मिली थीं।

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