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दावा: कोराना वायरस संक्रमण इंसानों के साथ कर रहा रंगभेद

क्या कोरोना संक्रमण के मामले में रंगभेद कर रहा है, इसका जवाब है हां। कम से कम ब्रिटेन और अमेरिका में हुए अध्ययन साफ संकेत दे रहे हैं कि कोरोना श्वेतों की तुलना में अश्वेतों को ज्यादा शिकार बना रहा है...

दावा: कोराना वायरस संक्रमण इंसानों के साथ कर रहा रंगभेद
लंदन, एजेंसी Sat, 09 May 2020 06:50 AM
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क्या कोरोना संक्रमण के मामले में रंगभेद कर रहा है, इसका जवाब है हां। कम से कम ब्रिटेन और अमेरिका में हुए अध्ययन साफ संकेत दे रहे हैं कि कोरोना श्वेतों की तुलना में अश्वेतों को ज्यादा शिकार बना रहा है औऱ उनकी मौत का खतरा भी पांच गुना तक ज्यादा है।

पहला शोध ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन का है। दो मार्च से 25 अप्रैल के बीच ब्रिटेन के 1.74 करोड़ लोगों के डाटा का विश्लेषण कर यह शोध प्रकाशित किया गया। इसमें कहा गया कि ब्रिटेन में बसे भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और चीनी मूल के लोग चार से पांच गुना ज्यादा कोरोना के शिकार हुए हैं। उनकी मौतों की संख्या भी काफी ज्यादा हैं। इस रिसर्च के बाद अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि अश्वेतों की तुलना में एशियाई और आदिवासी मूल के लोगों में मृत्यु का उच्च जोखिम है।

वहीं, अमेरिकी की जॉन हॉपकिंस, मिसिसिपी, जॉर्जटाउन और ग्लोबल हेल्थ लॉ ने अध्ययन में पाया कि अश्वेत अमेरिकियों की आबादी देश में भले ही 13.4 फीसदी हो, लेकिन संक्रमण के ज्यादा शिकार हुए हैं। अमेरिका के अलावा बड़ी अश्वेत आबादी वाले देशों में कोरोना के 50 फीसदी मामले पाए गए हैं और 60 फीसदी मौतें वहां हुई हैं।

ऑक्सफोर्ड में महामारी विज्ञान के प्रोफेसर लियाम स्मेथ ने कहा कि शोध से हम रोगियों को बेहतर इलाज के लिए परिणाम दे सकते हैं। एशियाई लोग खतरे में अध्ययन में पाया है कि एशियाई और काले लोग मृत्यु के उच्च जोखिम में हैं। शोध में इन्हें बीएमई यानी ब्लैक एंड माइनोरिटी एथनिक कहा गया है। बांग्लादेश और पाकिस्तान से संबंध रखने वाले अश्वेत लोगों की 1.8 गुना ज्यादा मौतें हुईं हैं। पाकिस्तानी, बांग्लादेशियों की तुलना में भारतीयों पर खतरा थोड़ा कम है।
 
वंचितों पर ज्यादा कहर: वंचित सामाजिक पृष्ठभूमि के लोग कोविड 19 के मामले में मृत्यु के उच्च जोखिम में पाए गए। शोध में यह भी पाया गया कि पुरुषों, बुजुर्गों और अनियंत्रित मधुमेह वाले लोगों में मौत का प्रतिशत सबसे अधिक है। अधिक गंभीर अस्थमा से पीड़ति लोगों में कोविड-19 से मृत्यु का खतरा बढ़ गया था।

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