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Citizenship Bill: JDU के बाद अब NDA का ये सहयोगी नाराज, राजनाथ को लिखा पत्र

नगालैंड (Nagaland) के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो (Nafio rio) ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) को पत्र लिखा है कि नागरिकता विधेयक राज्य पर लागू नहीं हो सकता क्योंकि इसे संविधान के अनुच्छेद 371...

 Citizenship Bill: JDU के बाद अब NDA का ये सहयोगी नाराज, राजनाथ को लिखा पत्र
नई दिल्ली, लाइव हिन्दुस्तान एजेंसीMon, 21 Jan 2019 12:56 PM
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नगालैंड (Nagaland) के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो (Nafio rio) ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) को पत्र लिखा है कि नागरिकता विधेयक राज्य पर लागू नहीं हो सकता क्योंकि इसे संविधान के अनुच्छेद 371 (ए) के तहत संरक्षण प्राप्त है। आपको बता दें कि रविवार को जेडीयू की राष्ट्रीय पदाधिकारियों व प्रमुख नेताओं की बैठक में यह भी तय हुआ कि राज्यसभा में असम से संबंधित नागरिकता (संशोधन) विधेयक आता है तो पार्टी उसका विरोध करेगी। नागरिकता विधेयक लोकसभा में पास हो चुका है और राज्यसभा में बिल लंबित है।

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से रविवार को जारी बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि राज्य को संविधान के अनुच्छेद 371 (ए) और बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेग्युलेशन 1873 के तहत इनर लाइन परमिट के तहत संरक्षण मिला हुआ है। इस अनुच्छेद में नगालैंड के लिये विशेष प्रावधान किये गए हैं।

नागरिकता (संशोधन) विधेयक का राज्य सभा में विरोध करेगा जदयू

नगालैंड में क्यों हो रहा है विरोध
इसमें कहा गया है कि नगाओं की धार्मिक या सामाजिक परंपराओं, नगा प्रथाओं संबंधी कानून एवं प्रक्रिया, नगा प्रथा कानून के अनुसार निर्णय लेने वाले नागरिक एवं आपराधिक न्याय के प्रशासन, भूमि एवं उसके संसाधनों का स्वामित्व और हस्तांतरण से जुड़े मामलों पर संसद का कोई कानून तब तक लागू नहीं हो सकता, जब तक राज्य विधानसभा ऐसे निर्णयों के संबंध में प्रस्ताव पारित नहीं कर देती। बैठक में नागरिकता विधेयक के नगालैंड और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों पर पड़ने वाले असर को लेकर चर्चा हुई। यह विधेयक आठ जनवरी को लोकसभा से पारित हो चुका है।

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मुख्यमंत्री ने राजनाथ सिंह को लिखा पत्र, जताई ये चिंता
विज्ञप्ति में कहा गया कि कैबिनेट के निर्णय के अनुसार मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर अपनी चिंताओं से अवगत कराया है। बैठक के दौरान राज्य की कैबिनेट ने केंद्र सरकार से यह अपील करने का निर्णय लिया कि वह सभी पूर्वोत्तर राज्यों के साथ विचार विमर्श कर यह सुनिश्चित करे कि इन राज्यों के मूल निवासियों के हित पूरी तरह सुरक्षित हैं। 

क्या है बिल
नागरिकता विधेयक में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी समुदाय के लोगों को भारत में छह साल निवास करने के बाद किसी दस्तावेज बिना भी नागिरकता दिये जाने का प्रावधान है। फिलहाल ऐसे लोगों को 12 वर्ष भारत में निवास करने के बाद नागरिकता दिये जाने का प्रावधान है।
     
 

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