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Citizenship Amendment Bill: आजम खान बोले, मुस्लिम सबसे बड़े देश भक्त

समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद आजम खान ने कहा कि मुसलमानों के पास 1947 में बंटवारे के समय पाकिस्तान जाने या फिर भारत में ही रहकर बसने का विकल्प था और उन्होंने यहीं रहने का विकल्प चुना, इसलिए मुस्लिम...

 Citizenship Amendment Bill: आजम खान बोले, मुस्लिम सबसे बड़े देश भक्त
एजेंसी,नई दिल्लीWed, 11 Dec 2019 09:50 AM
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समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद आजम खान ने कहा कि मुसलमानों के पास 1947 में बंटवारे के समय पाकिस्तान जाने या फिर भारत में ही रहकर बसने का विकल्प था और उन्होंने यहीं रहने का विकल्प चुना, इसलिए मुस्लिम सबसे बड़े देश भक्त हैं। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से दिसंबर 2014 से पहले भारत आए गैर-इस्लामी शरणार्थियों को नागरिकता देने वाले विधेयक के लोकसभा से पास हो जाने पर पत्रकारों से बात करते हुए आजम ने यहां यह बात कही। 

उन्होंने कहा, “जो यहां रुके अन्य के मुकाबले वे बड़े देश भक्त हैं। अगर देशभक्ति के लिए यही सजा है तो मैं बस यह कह सकता हूं कि लोकतंत्र में केवल सिर गिने जाते हैं, दिमाग नहीं।” आजम खान ने कहा कि विधेयक पर बहस के दौरान सरकार ने विपक्ष को नहीं सुना। 

उन्होंने कहा, “विधेयक का पास होना संख्याबल का खेल था। विपक्ष के पास संख्या नहीं थी, सरकार को चाहिए था कि विपक्ष क्या कहना चाहता है उसे सुना जाए।” विधेयक लोकसभा में पहले ही मत विभाजन के माध्यम से पास हो चुका है। एक दिन पहले सोमवार को अपराह्न चार बजे से विधेयक पर चर्चा शुरू हुई और सोमवार देर रात 12.06 बजे तक लंबी बहस के बाद इस विधेयक के पक्ष में 311 वोट पड़े और इसके विरोध में 80 वोट पड़े थे। आज इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा

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राज्यसभा का गणित
राज्यसभा में कुल 245 सदस्य होते हैं। लेकिन अब कुछ खाली सीटों के साथ सदन की ताकत 238 है। बीजेपी को विधेयक को पारित करने के लिए 120 वोटों की आवश्यकता है। उच्च सदन में बीजेपी के 83 सांसद हैं और उसके राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के पास कुल 94 सांसद हैं। बीजेपी के 83 सांसदों के अलावा, एनडीए में जनता दल (युनाइटेड) के छह सांसद, शिरोमणि अकाली दल के तीन और लोक जनशक्ति पार्टी व भारतीय रिपब्लिकन पार्टी के एक-एक सांसद भी हैं।

राज्यसभा में 12 मनोनीत सांसद हैं। भाजपा को 11 से समर्थन का भरोसा है, जिसमें सुब्रमण्यम स्वामी, स्वपन दासगुप्ता, राकेश सिन्हा भी शामिल हैं। अगर 11 और राज्यसभा सदस्यों को जोड़ लिया जाए तो राजग के सदस्यों की गिनती 105 तक पहुंच जाएगी, जहां उसे अभी भी 15 सांसदों के समर्थन की आवश्यकता होगी। यहीं पर बीजेपी की 'केमिस्ट्री' काम आ सकती है, जो नागरिकता संशोधन विधेयक के लिए एक सुगम मार्ग बना सकती है, ताकि पार्टी 120 के आंकड़े तक पहुंच सके। बीजेपी को उम्मीद है कि उसे अन्नाद्रमुक के 11 सांसदों का समर्थन मिलेगा। इससे उसके पास 116 सांसदों का समर्थन हो जाएगा। इसके बाद चार और सांसदों का समर्थन ही चाहिए होगा।

सूत्रों का कहना है ऊपरी सदन में विधेयक को पारित कराने के लिए संसद द्वारा सत्र शुरू होने से पहले ही नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल से संपर्क किया गया था। एक सूत्र ने कहा, “नवीन बाबू ही नहीं, बल्कि वी. कार्तिकेयन पांडियन को भी इस काम के लिए संपर्क किया गया था।” पांडियन को पटनायक का खासमखास माना जाता है। बीजेपी का मानना है कि उसे बीजद के सभी सातों सांसदों का समर्थन मिलेगा।

इसके बाद पार्टी के पास जरूरत से तीन अधिक मत हो जाएंगे। लेकिन, बीजेपी नेतृत्व की कोशिश इससे भी ज्यादा की है। उसे उम्मीद है कि आंध्र की वाईएसआरसीपी के दो सांसदों का समर्थन भी उसे मिलेगा। बीजेपी के एक महासचिव ने कहा, “बस देखते रहिए, कल (बुधवार को) विजय हमारी होगी।”

एनडीए सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में भी इस विधेयक को पेश किया था और इसे लोकसभा की मंजूरी भी मिल गई थी। लेकिन, यहा राज्यसभा में पास नहीं हो सका था। इस बार सरकार के खिलाफ और अधिक विरोध प्रदर्शन होने के कारण गृह मंत्री अमित शाह व्यक्तिगत रूप से विधेयक पारित कराने के लिए रणनीति बनाने में जुटे हैं।

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