CISF जवानों को देनी होगी सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी, नहीं कर सकेंगे सरकारी नीतियों की आलोचना
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने अपने करीब 1.62 लाख कर्मियों को सोशल मीडिया के उपयोग के सिलसिले में कुछ नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत जवानों को सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी देनी...
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने अपने करीब 1.62 लाख कर्मियों को सोशल मीडिया के उपयोग के सिलसिले में कुछ नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत जवानों को सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी देनी होगी। एक अधिकारिक आदेश में यह जानकारी दी गई है।
31 जुलाई को जारी नए दिशा-निर्देश में कहा गया कि इन नियमों का उल्लंघन करने वालों को सख्त कानूनी एवं अनुशासनिक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। दिल्ली स्थिति सीआईएसएफ मुख्यालय एक आदेश में कहा, ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से राष्ट्रीय सुरक्षा और बल के अनुशासन को पैदा हुए खतरे के मद्देनजर दो पृष्ठों के दिशानिर्देश जारी किए हैं।
संवेदनशील जानकारी शेयर करने के उदाहरण मिले
सीआईएसएफ अभी देश में 63 हवाईअड्डों, हवाईक्षेत्र से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण परिसंपत्तियों के अलावा विभिन्न सरकारी मंत्रालयों एवं भवनों आदि की सुरक्षा करता है। बल ने कुछ ऐसे उदाहरण पाए हैं, जहां जहां सोशल मीडिया का उपयोग सीआईएसएफ कर्मी राष्ट्र/संगठन के बारे में संवेदनशील सूचना साझा करने तथा सरकार की नीतियों का विरोध करने में कर रहे हैं। इसलिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
यूजर आईडी की जानकारी देना जरूरी
नए दिशा-निर्देशों में सीआईएसएफ कर्मियों के अनुपालन के लिए पांच बिंदु निर्धारित किए गए हैं। इनमें कर्मियों को टि्वटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम, यू ट्यूब जैसे सभी सोशल मीडिया मंचों पर खुद के द्वारा इस्तेमाल की जा रही अपनी यूजर आईडी की जानकारी विभाग को देनी होगी। यूजर आईडी में कोई बदलाव करने या यह नया अकाउंट बनाने की स्थिति में इसकी जानकारी के बारे में भी विभाग को सूचित करना जरूरी है।
सोशल मीडिया पर शिकायत नहीं कर सकेंगे कर्मी
दिशा-निर्देश में कहा गया कि कर्मी अनाम या छद्म नाम से यूजर आईडी का इस्तेमाल नहीं करेंगे। वे इन ऑनलाइन मंचों का इस्तेमाल सरकार की नीतियों की किसी भी तरह की आलोचना करने में नहीं करेंगे। सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल अपनी शिकायतों को प्रकट करने में पदानुक्रम या उपयुक्त माध्यम को नजरअंदाज करने में नहीं किया जाएगा। बल में सोशल मीडिया उपयोग नीति सबसे पहले 2016 में लाई गई थी और इसमें 2019 में संशोधन किया गया था।