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इंडिया-यूएस दोस्तीः 3 बार गले लगे मोदी-ट्रंप, चीन और पाक में बढ़ी बेचैनी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिका दौरा दुनिया भर में चर्चा का विषय रहा। इस दौरान सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप का एक-दूसरे के गले लगना। दोनों...

इंडिया-यूएस दोस्तीः 3 बार गले लगे मोदी-ट्रंप, चीन और पाक में बढ़ी बेचैनी
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीWed, 28 Jun 2017 12:59 PM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिका दौरा दुनिया भर में चर्चा का विषय रहा। इस दौरान सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप का एक-दूसरे के गले लगना। दोनों की ये तस्वीर दुनिया भर की मीडिया और सोशल साइट्स पर खूब वायरल हुए। इसके अलावा पीएम मोदी के लिए प्रेसिडेंट ट्रंप और उनकी फैमिली की ओर से व्हाइट हाउस में आयोजित डिनर पार्टी भी भारत दुश्मनों को रास नहीं आई। खासकर चीन और पाकिस्तान को। यही वजह है कि भारत के ये दोनों पड़ोसी नई दिल्ली के खिलाफ जहर उगलते रहे। 

भारत-अमेरिका के संबंध अच्छे- अमेरिका के ऊर्जा मंत्री
अमेरिका के ऊर्जा मंत्री रिक पेरी ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्हाइट हाउस में पहली मुलाकात ने दुनिया भर में एक स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत और अमेरिका के बीच काफी अच्छे संबंध चल रहे हैं। उन्होंने ने भी मोदी और ट्रंप के गले लगने वाली तस्कवीर का जिक्र करते हुए कहा कि, कल की एक तस्वीर मुझे लगता है कि काफी विचारशील है। और वह दोनों नेताओं (ट्रंप और मोदी) का एक-दूसरे से गले लगना है। मुझे लगता है कि वह दुनिया को स्पष्ट संकेत है कि अमेरिका और भारत के बीच करीबी संबंध चल रहे हैं। 

Narendra Modi

पेरी ने कहा इसमें ऊर्जा क्षेत्र बहुत, बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है। पेरी एक दिन पहले ट्रंप द्वारा मोदी के सम्मान में व्हाइट हाउस में आयोजित  रात्रिभोज में शामिल हुए थे। रात्रिभोज के बारे में बात करते हुए पेरी ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में एलएनजी, स्वच्छ कोयला और परमाणु ऊर्जा सहयोग पर चर्चा की गई। व्हाइट हाउस में मौजूदा प्रशासन द्वारा किसी विदेशी नेता को दिए जाने वाला यह पहला रात्रिभोज था।

पेरी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि कल रात रात्रिभोज पर हमने तीन क्षेत्रों के बारे में बात की। इसमें एलएनजी, साफ कोयला और तीसरा परमाणु सहयोग शामिल है। भारत और अमेरिका के लिए अच्छा मौका है मजबूत सहयोगी और साझेदार बनने का। ऊर्जा एक ऐसा जुड़ाव है जिससे लंबे समय तक साझेदारी बनी रहेगी। उधर विदेश विभाग ने मोदी की यात्रा को सफल बताया।

दोस्ती देख चिढ़ा पाकिस्तान
पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री चौधरी निसार का कहना है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप 'भारत की भाषा' बोल रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी की वाइट हाउस में ट्रंप के साथ हुई मुलाकात के एक दिन मंगलवार को बाद इसपर प्रतिक्रिया करते हुए चौधरी निसार ने कहा कि ट्रंप प्रशासन को 'भारत की भाषा' बोलते देखकर पाकिस्तान चिंतित है। मालूम हो कि जनवरी में ट्रंप के कार्यभार संभालने के बाद से ही अमेरिका कई बार संकेत दे चुका है कि पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को दी जा रही मदद पर वह सख्त कदम उठा सकता है। 

जब ट्रंप ने कुछ मुस्लिम-बहुल देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया था, तब उस सूची में पाकिस्तान को भी शामिल किए जाने पर विचार करने संबंधी खबरें आई थीं। इसके बाद ही पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी सरगना हाफिज सईद पर कार्रवाई करते हुए उसे नजरबंद कर दिया था। हालांकि उसके बाद भी पाकिस्तान की जमीन का इस्तेमाल कर जिस तरह आतंकवादी संगठन भारत और अफगानिस्तान में आतंकी हमलों को अंजाम देते रहे, उसपर दोनों ही देशों ने लगातार अपना विरोध जताया। 

भारत का इस्तेमाल टूल की तरह कर रहा है अमेरिका- चीन 

मोदी और ट्रंप की बेहतर कैमेस्ट्री से इधर चीन चिढ़ गया है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपे एक लेख में कहा गया है कि अमेरिका भारत का इस्तेमाल एक टूल की तरह कर रहा है। उसने कभी भी सुरक्षा परिषद में भारत के लिए कोई ठोस पहल नहीं की। 

लेख कहा गया है कि भारत इस बात पर खुश हो सकता है कि वह​ अमेरिका का महत्वपूर्ण सहयोगी बन रहा है लेकिन इसमें अमेरिका की चाल है, वह भारत का इस्तेमाल कर रहा है। लेख के अनुसार, अमेरिका केवल चीन के वजह से ही भारत से संबंध बढ़ा रहा है। चीन के बढ़ते प्रभुत्व के कारण अमेरिका और भारत साथ आ रहे हैं। उसमें लिखा गया है कि आॅस्ट्रेलिया और जापान चीन के जितने अच्छे मित्र हैं, उतना भारत नहीं है। लेख में यह भी सवाल किया गया है कि क्या ट्रंप भारत को सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट दिलाने में मदद करेंगे? वहीं, बराक ओबामा ने यह वादा किया था लेकिन वैसा नहीं हो सका।

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