बचकर रहे चीन और पाकिस्तान, आने वाली है 'प्रलय', मोदी सरकार ने उठाया बड़ा कदम
'प्रलय' सतह से सतह पर मार करने वाली अर्ध-बैलिस्टिक मिसाइल है। मॉडर्न मिसाइल को इंटरसेप्टर मिसाइलों को हराने में सक्षम बनाने के लिए विकसित किया गया है।

Pralay ballistic missiles: पाकिस्तान और चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। रक्षा मंत्रालय ने अपनी मारक क्षमता को बड़ा बढ़ावा देते हुए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तैनाती के लिए भारतीय सेना के लिए 'प्रलय' बैलिस्टिक मिसाइलों की एक रेजिमेंट की खरीद को मंजूरी दे दी है। इसकी सीमा क्रमशः चीन और पाकिस्तान से लगती है। यानी कि अब अगर चीन और पाकिस्तान ने भारत की ओर आंख उठाकर देखा तो उन्हें मुंह की खाना निश्चित है। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के साथ लंबे समय से रिश्ते अच्छे नहीं हैं, जबकि चीन के साथ पिछले तीन साल से बॉर्डर पर विवाद चल रहा है।
रक्षा अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, "यह भारतीय सेना के लिए एक बड़ा फैसला है, क्योंकि प्रलय बैलिस्टिक मिसाइलों की एक रेजिमेंट हासिल करने के प्रस्ताव को हाल ही में रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में मंजूरी दे दी गई थी। यह मिसाइल 150-500 किलोमीटर के बीच लक्ष्य को हिट कर सकती है। सेना इन मिसाइलों को पारंपरिक हथियारों के साथ तैनात करेगी और सामरिक भूमिकाओं में उनका इस्तेमाल करेगी। उन्होंने कहा कि इन मिसाइलों को खरीदने का फैसला सरकार द्वारा भारतीय वायु सेना के लिए इसी तरह के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के तुरंत बाद लिया गया है।
बता दें कि इन बैलिस्टिक मिसाइलों की खरीद को देश के लिए एक बड़े डेवलपमेंट के रूप में देखा जा रहा है। सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को आगे बताया, "चीन और पाकिस्तान दोनों के पास बैलिस्टिक मिसाइलें हैं जो सामरिक भूमिकाओं के लिए हैं। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा बनाई गईं मिसाइलों को और विकसित किया जा रहा है और अगर सेनाएं चाहें तो इसकी मारक क्षमता को काफी बढ़ाया जा सकता है।" मिसाइल सिस्टम का विकास 2015 के आसपास शुरू हुआ था और ऐसी क्षमता के विकास को सेना प्रमुख के रूप में दिवंगत जनरल बिपिन रावत ने बढ़ावा दिया था।
इस मिसाइल का पिछले साल 21 दिसंबर और 22 दिसंबर को लगातार दो बार सफल परीक्षण किया गया था। इस मिसाइल की कई तरह की खासियतें हैं। 'प्रलय' सतह से सतह पर मार करने वाली अर्ध-बैलिस्टिक मिसाइल है। मॉडर्न मिसाइल को इंटरसेप्टर मिसाइलों को हराने में सक्षम बनाने के लिए विकसित किया गया है। यह हवा में एक निश्चित सीमा तय करने के बाद अपना रास्ता बदलने की क्षमता रखती है। मिसाइल मार्गदर्शन प्रणाली में अत्याधुनिक नेविगेशन प्रणाली और एकीकृत एवियोनिक्स शामिल हैं।