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देश के डाटाबेस पर चीन के हैकरों की पैनी नजर

देश के डाटाबेस पर दुनियाभर के हैकरों की नजर है। इनमें चीन के हैकर सबसे ज्यादा अटैक कर रहे हैं। यह बात आईआईटी कानपुर के ताजा शोध में सामने आई है। आईआईटी ने यह पता लगाने के लिए हनी पॉट तैयार किया था कि...

देश के डाटाबेस पर चीन के हैकरों की पैनी नजर
अभिषेक सिंह, कानपुर, Wed, 03 Apr 2019 07:05 AM
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देश के डाटाबेस पर दुनियाभर के हैकरों की नजर है। इनमें चीन के हैकर सबसे ज्यादा अटैक कर रहे हैं। यह बात आईआईटी कानपुर के ताजा शोध में सामने आई है। आईआईटी ने यह पता लगाने के लिए हनी पॉट तैयार किया था कि किस देश से सबसे ज्यादा डाटा हैकिंग की कोशिश होती है। इस अभेद्य हनी पॉट पर 20 दिन में 36 देशों से 18435 बार हैकरों ने हमले किए। 

आईआईटी कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के हनी पॉट लांच करते ही हमले शुरू हो गए। महज 20 दिन में ही हैकरों ने ताबड़तोड़ हमले किए। पहले पांच दिन तो सबसे ज्यादा हमले हुए। हमला करने वालों में 66.5 फीसदी हैकर चीन के थे। इसके लिए 1261 आईपी का सहारा लिया गया। यही नहीं, एक ही आईपी से कई-कई बार हनी पॉट पर हमले किए गए। 

हैकर्स के बारे में जानने को बनाया हनी पॉट
हनी पॉट एक तरह का नेटवर्क संलग्न सिस्टम है। इसके तहत एक यूनीवर्सल डोमीन वेब साइट क्लाउड पर क्रिएट किया गया है। कंप्यूटर साइंस वैज्ञानिकों ने इसे इतना आकर्षक बनाया है कि हैकर उत्सुक हो गए। हैकर द्वारा इसपर क्लिक करते ही सिग्नल इसे ट्रैप कर लेता है और पूरी जानकारी मिल जाती है कि हैकर कहां और किस देश का है। विशेषज्ञों ने आईपी एड्रेस से यह बात का आकलन किया किस देश के कितने हैकरों ने हनी पॉट हैक करने कोशिश की। 

आईआईटी का यह था उद्देश्य
आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने हनी पॉट को इसी उद्देश्य के साथ डिजाइन किया था, ताकि यह पता लगाया जा सके कि किन-किन देशों से सबसे ज्यादा अपने देश में हैकिंग की कोशिश हो रही है। कहां के सबसे ज्यादा डाटा हैकिंग की घटनाएं हो सकती हैं।

36 देशों के हैकरों की है नजर
आईआईटी कानपुर में टेस्टिंग के लिए बने हनी पॉट को हैक करने के लिए एक, दो नहीं बल्कि 36 देशों के हैकरों की नजर थी। उन्होंने बीस दिन में ही लगातार अटैक करके डाटा हैक करने के साथ वेबसाइट पर ही अपना नियंत्रण करने की कोशिश की थी। 

दो दिन पहले हैक हुई थी एनएचएम वेबसाइट
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की वेबसाइट को हैकरों ने रविवार को हैक कर लिया। वेबसाइट पर मौजूद करीब दो लाख लोगों का डाटा चोरी करने के साथ हैकरों ने नियंत्रण कर लिया। एनआईसी को सूचना देने के बावजूद समस्या जल्द खत्म नहीं हुई। इससे पहले भाजपा की वेबसाइट भी हैक कर ली गई थी। इसे सामान्य करने में तीन दिन का समय लगा। 

कहां-कहां से हैकिंग की कोशिश

  • चाइना 66.5 फीसदी
  • यूएसए 9 फीसदी
  • नीदरलैंड 2.3 फीसदी
  • रोमानिया 2.1 फीसदी
  • ब्राजील 1.8 फीसदी
  • अन्य 31 देश 18.3 फीसदी

देश का एक भी डाटा सुरक्षित नहीं है। चाहे वह सरकारी वेबसाइट पर हो या गैर-सरकारी कंपनियों की। हैकर्स जब चाहे, आसानी से वेबसाइट पर अपना कंट्रोल कर सकता है। इसलिए साइबर सुरक्षा और ब्लॉक चेन का उपयोग बहुत जरूरी है। कोई भी दुश्मन देश साइबर अटैक के जरिए बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है। -प्रो. संदीप कुमार शुक्ला, साइबर एक्सपर्ट (हेड-कम्प्यूटर साइंस विभाग, आईआईटी, कानपुर)

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