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HTLS 2020: अदार पूनावाला ने बताया, क्यों बच्चों को सबसे आखिर में मिलेगा कोरोना का टीका

सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा है कि भारत में बच्चों को कोरोना टीके के लिए अधिक इंतजार करना पड़ सकता है, क्योंकि यह संक्रमण उनके लिए कम खतरनाक है। हिन्दुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में...

HTLS 2020: अदार पूनावाला ने बताया, क्यों बच्चों को सबसे आखिर में मिलेगा कोरोना का टीका
हिन्दुस्तान टाइम्स,नई दिल्लीFri, 20 Nov 2020 01:00 AM
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सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा है कि भारत में बच्चों को कोरोना टीके के लिए अधिक इंतजार करना पड़ सकता है, क्योंकि यह संक्रमण उनके लिए कम खतरनाक है। हिन्दुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में गुरुवार को पूनावाला ने कहा कि टीकाकरण शुरू होने के बाद बच्चों को वैक्सीन मिलने में करीब चार महीने का समय लग सकता है। 

पूनावाला ने कहा, ''बच्चे कोरोना वायरस के कैरियर हो सकते हैं, हालांकि हो सकता है कि उनका टीकाकरण सबसे बाद में हो। बच्चों के लिए टीका उपलब्ध होने में 4 महीने से अधिक का समय लग सकता है, क्योंकि वे कम आघात योग्य हैं।'' उन्होंने कहा कि मंजूरी मिलने के बाद सबसे पहले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और बुजुर्गों के लिए टीका उपलब्ध करा दिया जाएगा। इसके तीन-चार महीने के बाद यह आम लोगों के लिए उपलब्ध हो सकेगा।

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगले तीन-चार महीनों में कोरोना का टीका आम लोगों के लिए उपलब्ध हो जाएगा। लेकिन देश में टीका सबको पहुंचने में चार साल और लगेंगे। इसलिए देश भर में सबको टीका 2024 तक ही लग पाएगा। पूनावाला ने कहा कि यह सिर्फ टीके के तैयार हो जाने का मामला नहीं है। इसके लिए पांच चीजें होनी चाहिए। बजट, टीका, रखरखाव की सुविधाएं, बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर तथा टीका लगाने में लोगों की दिलचस्पी। इसलिए पूरे देश को टीकाकरण 2024 तक ही हो पाएगा। 

सीरम इंस्टीट्यूट आक्सफोर्ड यूनिवसिर्टी और आस्ट्रेजेनेका द्वारा विकसित टीके का देश में परीक्षण कर रहा है। उन्होंने कहा कि जैसे ही ब्रिटेन में इस टीके को मंजूरी मिलती है, हम भी ड्रग कंट्रोलर के समक्ष इसके आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति मांगेंगे।पूनावाला ने कहा कि टीका 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए ही है। बच्चों को टीके के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। वैसे, यह भी राहत की बात है कि कोरोना का प्रभाव बच्चों में कम है। उन्होंने कहा कि यह टीका पूरी तरह से सुरक्षित है। जिन लोगों को टीका दिया गया है, उनमें हल्का बुखार, सिरदर्द और कमजोर जैसी शिकायतें देखने को मिली हैं जो महज पैरासिटामोल लेने से ठीक हो जाती है। इसलिए टीके की सुरक्षा को लेकर कोई चिंता की बात नहीं है। 

हर महीने 10 करोड़ टीके
सीरम इंस्टीट्यूट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि अभी हजारी दो यूनिटों की क्षमता 50-60 लाख डोज प्रतिमाह तैयार करने की है। दो और यूनिटें जल्द शुरू करेंगे तथा हर महीने 10 करोड़ डोज तैयार करेंगे। जून-जुलाई तक हम 30-40 करोड़ डोज तैयार करेंगे। 

कितनी कारगर होगी जल्द पता चलेगा। 
पूनावाला ने कहा कि टीके का प्रभाव अच्छा है। इसमें टी सैल रिस्पांस अच्छा कर रहे हैं। लेकिन कितने समय तक यह टीका प्रभावी रहेगा, अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। हमें अच्छी उम्मीद है। उन्होंने कहा कि अगले दो-तीन सप्ताह में ब्रिटेन में इसकी प्रभावकारिता के नतीजे आ जाएंगे, लेकिन भारत में हुए परीक्षणों के नतीजे डेढ़-दो महीने में आएंगे। 

सस्ता टीका
पूनावाला ने कहा कि फाइजर और माडर्ना की तुलना में यह टीका पांच-छह गुना सस्ता होगा। यह बाजार में 500-600 रुपये में उपलब्ध होगा। यदि सरकार बल्क में लेती है तो तीन-चार डॉलर प्रति डोज उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि यह हमेशा देखा गया है कि भारत में बने टीकों की कीमत बेहद कम होती है।

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