रामलीला मैदान में इस बार बदले अंदाज में नजर आए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान ने रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का बदला हुआ रूप देखा। इसी रामलीला मैदान ने उन्हें एक जुझारू आंदोलनकारी के रूप में देखा था। इसके बाद दिल्ली की सियासी गद्दी...
दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान ने रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का बदला हुआ रूप देखा। इसी रामलीला मैदान ने उन्हें एक जुझारू आंदोलनकारी के रूप में देखा था। इसके बाद दिल्ली की सियासी गद्दी हासिल करने के बाद केंद्र के साथ उनके बगावती तेवर भी नजर आए, लेकिन रविवार को तीसरी बार दिल्ली की कमान संभालते हुए केजरीवाल बदले-बदले थे। उन्होंने शपथ ग्रहण के बाद केवल दिल्ली के विकास की बात की। विपक्ष को उनके आरोपों के लिए माफ करते हुए मुख्यमंत्री ने दिल्ली के विकास में सबका योगदान मांगा। वर्ष 2013 और 2015 के शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल टोपी लगाकर मंच पर पहुंचे थे। उन्होंने आंदोलन की पहचान बनी टोपी को लगाकर शपथ ली थी। रविवार को जब मुख्यमंत्री मंच पर पहुंचे तो सिर पर टोपी नहीं थी। वे माथे पर लाल तिलक लगाकर मंच पर पहुंचे और शपथ ली।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का दिल्ली के रामलीला मैदान से गहरा नाता रहा है। इसी रामलीला मैदान पर उन्होंने अपने साथियों के साथ बड़ा आंदोलन किया था। आंदोलन के बाद आम आदमी पार्टी का जन्म हुआ और दिल्ली की सियासत बदल गई। रामलीला मैदान ने कई बार मुख्यमंत्री को अपने विरोधियों पर गरजते हुए देखा। भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन कर जब अरविंद पहली बार सीएम बने तो उनके तेवर अलग थे। उन्होंने सीएम रहते हुए धरना दिया, आंदोलन किया। इस बार मुख्यमंत्री का बदला हुआ मिजाज दिल्ली के सामने था।
प्रधानमंत्री का आशीर्वाद मांगा
चुनाव प्रचार के दौरान विपक्ष ने जमकर केजरीवाल को निशाना बनाया तो अरविंद केजरीवाल सकारात्मक राजनीति की तरफ बढ़ते रहे। वे भाजपा के बड़े नेताओं पर आरोप लगाने से बचते रहे। रविवार को शपथ ग्रहण के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आशीर्वाद मांगा। उन्होंने कहा कि चुनाव खत्म हो गए हैं। चुनावों में एक-दूसरे पर आरोप लगे हैं। मैं विपक्ष द्वारा खुद पर लगाए गए आरोपों के लिए उन्हें क्षमा करता हूं। इरादा साफ है कि अरविंद केजरीवाल अब केंद्र के साथ कोई टकराव नहीं चाहते।
विकास के रास्ते पर आगे बढ़ेंगे
केजरीवाल ने दावा किया है कि यह चुनाव विकास के मुद्दे पर जीता गया है और दिल्ली विकास के रास्ते पर आगे बढ़ेगी। आप के सूत्रों का कहना है कि केजरीवाल के सकारात्मक प्रचार का पार्टी को बड़ा लाभ मिला है। इससे उनका कद बढ़ा है। धीरे-धीरे दिल्ली के बाहर भी उनकी स्वीकार्यता बढ़ेगी और तब पार्टी दूसरे राज्यों में विस्तार के लिए सोचेगी। सीएम ने अपने मंत्रियों को भी विकास के एजेंडे पर लगने को कहा है। सभी से गारंटी कार्ड के मुताबिक रोडमैप बनाने के लिए कहा गया है।
बदल गया गीत
पहले दो बार शपथ ग्रहण में भी मुख्यमंत्री ने गीत गाया था। उस समय गीत के बोल इंसान का इंसान से हो भाईचारा... थे। इस बार भी मुख्यमंत्री ने अपने भाषण का समापन गीत के जरिए किया। शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री ने हम होंगे कामयाब एक दिन गाना गाया।
पहली बार मंच पर दिल्ली के निर्माता
तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री की शपथ ले रहे केजरीवाल के मंच पर पचास के करीब ‘दिल्ली के निर्माता’ भी मौजूद थे। इससे पहले दोनों बार मुख्यमंत्री केवल अपने सहयोगियों के साथ ही मंच पर पहुंचे थे।
सचिवालय नहीं गए
वर्ष 2015 में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शपथ ग्रहण के बाद सीधे सचिवालय गए थे। इस बार शपथ ग्रहण समारोह के बाद मुख्यमंत्री सचिवालय नहीं गए। उम्मीद की जा रही है कि वे सोमवार को सचिवालय पहुचेंगे।