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CBI बनाम कोलकाता पुलिस: सुप्रीम कोर्ट में तीन सदस्यीय बेंच कल करेगी सुनवाई

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना वाली बेंच मंगलवार को सीबीआई की याचिका पर सुनवाई करेगी। सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, पुलिस कमिश्नर के खिलाफ शीर्ष कोर्ट के...

CBI बनाम कोलकाता पुलिस: सुप्रीम कोर्ट में तीन सदस्यीय बेंच कल करेगी सुनवाई
नई दिल्ली। एजेंसीMon, 04 Feb 2019 07:53 PM
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चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना वाली बेंच मंगलवार को सीबीआई की याचिका पर सुनवाई करेगी। सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, पुलिस कमिश्नर के खिलाफ शीर्ष कोर्ट के अवमानना की याचिका दी थी।

इससे पहले कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार पर सारदा चिटफंड घोटाले के सबूत मिटाने की आशंका जताते हुए सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को याचिका दायर की। सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा,  अगर आप सबूतों के साथ छेड़छाड़ या ऐसा सोचने के बारे में एक भी सबूत पेश करेंगे तो हम इस पर इतनी कड़ी कार्रवाई करेंगे कि उन्हें पछताना पड़ेगा।

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तत्काल सुनवाई से इनकार:
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ के समक्ष सीबीआई ने कोलकाता के पुलिस आयुक्त पर घोटाले से जुड़े मामले के साक्ष्य नष्ट करने और अदालत की अवमानना का आरोप लगाते हुए इसका उल्लेख किया। पीठ ने हालांकि जांच ब्यूरो के इन दो आवेदनों पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। मामले की सुनवाई मंगलवार को होगी। 

सीबीआई का आरोप
रविवार रात में पश्चिम बंगाल पुलिस ने सीबीआई टीम को उस वक्त हिरासत में ले लिया जब वे सारदा चिटफंड प्रकरण की जांच के सिलसिले में साक्ष्यों के लिए कोलकाता पुलिस आयुक्त के कार्यालय गए थे। पुलिस ने सिर्फ गिरफ्तार ही नहीं किया, बल्कि संयुक्त निदेशक (पूर्व) पंकज श्रीवास्तव का आवास भी घेर लिया। उनके परिवार को बंधक बनाकर रखा। सीबीआई का आरोप है कि असाधारण परिस्थितियां उत्पन्न होने की वजह से उसने यह आवेदन दायर किए हैं। इस मामले में तत्काल आदेश की आवश्यकता है।

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हलफनामा दायर करें
पीठ ने कहा कि कोई भी यह साक्ष्य पेश कर सकता है जिससे पता चलता हो कि पश्चिम बंगाल में पुलिस अधिकारी संबंधित साक्ष्य नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। इस तरह की सारी सामग्री और साक्ष्य हलफनामे के जरिये दायर किए जाने चाहिए।

हासिल हो सकते हैं सबूत
मेहता की  दलील पर पीठ ने कहा, यदि साक्ष्य नष्ट कर दिये जाये तो भी यह इलेक्ट्रानिक रूप में हैं। इन्हें हासिल किया जा सकता है। पीठ ने कहा कि यदि पुलिस आयुक्त साक्ष्य नष्ट करने का प्रयास कर रहे होंगे तो हम उनसे सख्ती से पेश आएंगे और वह इसे भूलेंगे नहीं।

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अवमानना जैसा कुछ नहीं
पीठ ने कहा कि उसने अवमानना याचिका का अवलोकन किया है। इसमें ऐसा कुछ नहीं है। इसी वजह से हम पांच मिनट देर से एकत्र हुए हैं। इस पर पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने जांच ब्यूरो के आवेदन का विरोध किया। लेकिन पीठ ने उन्हें बीच में ही रोककर अपना आदेश लिखा दिया।

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