Lok Sabha Elections 2019: BJP ने छत्तीसगढ़ में नए चेहरों पर लगाया दांव, सभी 10 मौजूदा सांसदों का टिकट कटा
Lok Sabha Elections 2019: भाजपा ने रविवार को लोकसभा चुनावों के लिए 9 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है, जिसमें छत्तीसगढ़ से 6 नाम हैं। प्रदेश के 5 अन्य सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान भाजपा ने बीते 21...
Lok Sabha Elections 2019: भाजपा ने रविवार को लोकसभा चुनावों के लिए 9 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है, जिसमें छत्तीसगढ़ से 6 नाम हैं। प्रदेश के 5 अन्य सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान भाजपा ने बीते 21 मार्च को पहली लिस्ट में ही कर दिया गया था। इस तरह से छत्तीसगढ़ के सभी 11 सीटों के लिए भाजपा ने अपने उम्मीदवार तय कर लिए हैं और इस तरह से पार्टी ने अपने सभी 10 मौजूदा सांसदों का टिकट काटकर नए चेहरों पर दांव लगाया है।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को उनके गृह निर्वाचन सीट राजनांदगांव से उतारा जाएगा या नहीं, इन अटकलों को विराम देते हुए भाजपा ने इस सीट के लिए संतोष पांडे का नाम आगे किया है।
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भाजपा ने कांकेर से मोहन मंडावी, कोरबा से ज्योति नंद दुबे, जांजगीर से गुहाराम अजगल्ले, दुर्ग से विजय बघेल, बस्तर से बेदूराम कश्यप, बिलासपुर से अरुणा सो, महासमुन्द से चुन्नीलाल साहू, राजनन्दगांव से संतोष पांडेय, रायगढ़ से गोमती साय, रायपुर से सुनील सोनी और सरगुजा से रेणुका सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है।
लोकसभा क्षेत्र | 2014 में विजयी सांसद (पार्टी) | 2019 में भाजपा उम्मीदवार |
कांकेर | विक्रम उसेंडी (भाजपा) | मोहन मंडावी |
कोरबा | डॉ॰ बंशीलाल महतो (भाजपा) | ज्योतिनंद दुबे |
जांजगीर-चांपा | कमला देवी पटले (भाजपा) | गुहाराम अजगल्ले |
दुर्ग | ताम्रध्वज साहू (कांग्रेस) | विजय बघेल |
बस्तर | दिनेश कश्यप (भाजपा) | बेदूराम कश्यप |
बिलासपुर | लखन लाल साहू (भाजपा) | अरुणा साव |
महासमुन्द | चंदूलाल साहू (भाजपा) | चुन्नीलाल साहू |
राजनन्दगांव | अभिषेक सिंह (भाजपा) | संतोष पांडेय |
रायगढ़ | विष्णु देव साई (भाजपा) | गोमती साय |
रायपुर | रमेश बैस (भाजपा) | सुनील सोनी |
सरगुजा | कमलभान सिंह मरावी (भाजपा) | रेणुका सिंह |
भाजपा ने बीते 20 मार्च को ही घोषणा कर दी थी कि पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ के सभी 10 मौजूदा सांसदों की जगह नये चेहरों को उतारेगी। दरअसल, पिछले साल राज्य विधानसभा चुनाव में पार्टी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी अपना खोया हुआ आधार फिर से पाने का प्रयास कर रही है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने राज्य में 68 सीटें जीती थी। राज्य में 15 साल शासन कर चुकी भाजपा को 15 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था। दोनों दलों की वोट हिस्सेदारी में 10 प्रतिशत का अंतर था।