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"जेएनयू में सस्ती फीस के लिए शर्त होनी चाहिए 'जय श्री राम' और 'वंदे मातरम' कहना"

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में चल रहे गतिरोध के कारणों को लेकर विचार भी विभाजित हो गए हैं। जहां एक ओर यह मुद्दा संसद के अंदर भी उठाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर हिंदू महासभा ने टिप्पणी कर...

"जेएनयू में सस्ती फीस के लिए शर्त होनी चाहिए 'जय श्री राम' और 'वंदे मातरम' कहना"
आईएएनएस,नई दिल्लीWed, 20 Nov 2019 05:19 AM
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जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में चल रहे गतिरोध के कारणों को लेकर विचार भी विभाजित हो गए हैं। जहां एक ओर यह मुद्दा संसद के अंदर भी उठाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर हिंदू महासभा ने टिप्पणी कर इसे एक और मोड़ दे दिया है। हिंदू महासभा ने कहा कि 'जय श्री राम', 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम' कहना जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में कम फीस का लाभ उठाने के लिए एक शर्त होनी चाहिए।

हिंदू महासभा के प्रमुख स्वामी चक्रपाणि ने विश्वविद्यालय में पढ़ रहे अधिकांश विद्यार्थियों को 'भारत विरोधी' करार देते हुए कहा कि उनकी इस मांग के पीछे का तर्क यही है कि वहां के छात्र 'राष्ट्र-विरोधी' हैं। उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “माता-पिता अपने बच्चों को खाना खिलाते हैं। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि अगर वह गुमराह हो जाएं तो वे उन्हें अनुशासित नहीं कर सकते हैं। जो छात्र भटक गए हैं, उन्हें भी अनुशासित करने की जरूरत है।”

यह पूछे जाने पर कि जय श्री राम तो एक धार्मिक नारा है, उन्होंने कहा, “जो भगवान श्रीराम का नाम लेगा, वह मर्यादित रहेगा। अगर आप उनका नाम नहीं लेना चाहते, तो आप 'वंदे मातरम' और 'भारत माता की जय' तो कह सकते हैं। यह तो बोल सकते हो। ऐसा करना देशभक्ति है।” उन्होंने जेएनयू विद्यार्थियों को 'पीजा-बर्गर वाला' करार देकर 'संस्कारों की कमी वाला' कहा। 

जेएनयूएसयू के साथ इंटर हॉल एडमिनिस्ट्रेशन (आईएचए) बैठक की मांग को लेकर जेएनयू के छात्रों ने सोमवार को सड़कों पर उतरकर संसद तक मार्च किया। उन्होंने मांग रखी कि जेएनयूएसयू की भागीदारी के साथ सामंजस्य स्थापित किया जाए और छात्रों के परामर्श से एक नया छात्रावास मसौदा तैयार किया जाए और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि शुल्क वृद्धि को पूरी तरह से वापस लिया जाए।

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