Hindi Newsदेश न्यूज़Chandrayaan-3 Evening is setting again on the moon the dreadful cold night will return Why are Lander Vikram and Rover Pragyan not waking up - India Hindi News

चांद पर फिर ढल रही शाम, लौटेगी भयानक सर्द रात! नींद से क्यों नहीं जाग रहे लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान?

इसरो के वैज्ञानिक लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को सिग्नल भेज रहे हैं, मगर उधर से कोई सिग्गल वापस नहीं आ रहा। अभी भी आशाएं बंधी है कि चांद की छाती पर सो रहे विक्रम और प्रज्ञान जाग उठेंगे।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 30 Sep 2023 12:49 PM
share Share
Follow Us on

Chandrayaan-3: चंद्रमा पर फिर एक बार शाम ढलने वाली है। मगर चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान से किसी तरह का कोई संकेत नहीं मिल रहा है। पिछले 21 सितंबर को चंद्रमा सूर्य की ओर बढ़ा। तब से आठ दिन बीत चुके हैं लेकिन इन आठ दिनों में इसरो द्वारा बार-बार सिग्नल भेजने के बावजूद विक्रम और प्रज्ञान की ओर से कोई रिटर्न सिग्नल नहीं आया।

इसरो का चंद्रयान-3, 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव 'शिव शक्ति' पर उतरा। लैंडिंग यान या 'लैंडर' विक्रम ने पंख की तरह तैरते हुए चंद्रमा की जमीन को छुआ। बाद में खोजकर्ता 'रोवर' प्रज्ञान इसके अंदर से लुढ़क कर चंद्रमा पर चहलकदमी की। वैज्ञानिकों ने शुरुआती 15 दिनों के लिए विक्रम और प्रज्ञान में बैटरी क्षमता डाली थी। इस दौरान प्रज्ञान और विक्रम अपने काम को अंजाम देते रहे। बैटरी की क्षमता कम होने की वजह से दोनों ने कार्य करना बंद कर दिया है। अब वैज्ञानिक उम्मीद कर रहे हैं कि दोनों में फिर ने नई ऊर्जा का संचार होगा। सूरज की रोशनी से विक्रम और प्रज्ञान की बैटरी चार्ज हो जाएगी।

उल्लेखनीय है कि जब चंद्रमा पर रात होती है तो तापमान शून्य से माइनस 180 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। अत्यधिक ठंड में बैटरियों और अन्य उपकरणों का खराब होना सामान्य बात है। 2 सितंबर को प्रज्ञान चांद की धरती पर सो गया था। विक्रम को 4 सितंबर को इसरो ने ग्राउंडेड कर दिया था। तब से प्रज्ञान पृथ्वी की तुलना में चंद्रमा की धरती पर 27 दिनों से सोया है और विक्रम पिछले 25 दिनों से कोई सिग्नल नहीं भेजा।

चंद्रमा का एक दिन यानी पृथ्वी के 28 दिन के बराबर होता है इनमें से 14 दिन सूर्य चंद्रमा के आकाश में रहता है और अगले 14 दिनों तक नहीं रहता। ऐसे में ठीक पांच दिन बाद सूरज फिर से चंद्रमा पर अस्त हो जाएगा। उसके बाद चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र धीरे-धीरे ठंडा हो जाएगा और सर्द रात हो जायेगी। नतीजतन, इसरो के पास विक्रम और प्रज्ञान से सिग्नल पाने के लिए पांच छह दिन और हैं।

चंद्रयान-3 अभियान के दोनों सदस्यों ने चंद्रमा की धरती पर सभी काम पहले ही पूरा कर लिया है। उसके बाद अगर वे जागकर काम करेंगे तो यह इसरो के लिए दोहरी सफलता होगी। लेकिन जैसे-जैसे चंद्रमा पर रात धीरे-धीरे करीब आ रही है... चंद्रमा की सतह पर अधिकतम सूर्य की रोशनी का समय बीत चुका है, विक्रम और प्रज्ञान के जागने की संभावना धीरे-धीरे कम होती जा रही है। विक्रम और प्रज्ञान के पास चंद्रमा पर जागने के लिए पांच दिन और हैं, मगर इस बीच एक दिन पहले भी दोनों की नींद टूट जाए तो यह नाकाफी साबित होगी। क्योंकि अगले ही दिन चंद्रमा पर सर्द रातें शुरू हो जाएंगी। 30 सितंबर से सूर्य चंद्रमा के आकाश से गायब होने लगेगा, शाम ढलने लगेगी। 

बता दें इसरो ने आखिरी बार 22 सितंबर को कहा था कि वे विक्रम और प्रज्ञान को लेकर उम्मीद नहीं छोड़ रहे हैं। वे सिग्नल भेजने की कोशिश करते रहेंगे। अभी भी आशाएं बंधी है कि चांद की छाती पर सो रहे विक्रम और प्रज्ञान जाग उठेंगे।

अगला लेखऐप पर पढ़ें