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Chandrayaan-2 ने भेजी चांद की सतह की पहली चमकती तस्वीर, ISRO ने की जारी

चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की सतह की तस्वीर भेजी है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार को चंद्रयान-2 द्वारा कैद की गई चंद्रमा की सतह की पहली इलुमिनेटेड इमेज (एक तरह से प्रकाश के साथ वाली...

Chandrayaan-2 ने भेजी चांद की सतह की पहली चमकती तस्वीर, ISRO ने की जारी
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीFri, 18 Oct 2019 08:47 AM
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चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की सतह की तस्वीर भेजी है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार को चंद्रयान-2 द्वारा कैद की गई चंद्रमा की सतह की पहली इलुमिनेटेड इमेज (एक तरह से प्रकाश के साथ वाली तस्वीर) जारी की है। तस्वीर को को चंद्र मिशन चंद्रयान-2 के IIRS (इमेजिंग इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोमीटर) पेलोड द्वारा लिया गया है। IIRS यानी इमेजिंग इन्फ्रेरेड स्पेक्ट्रोमीटर को इस तरह से डिजाइन किया गया है, जिससे वह चंद्रमा की सतह से परिवर्तित होने वाले सूर्य के प्रकाश को माप सके। इसरो के मुताबिक, आईआईआरएस को चंद्रमा पर सूर्य की परिवर्तित होने वाली किरणों के अलावा चांद की सतह पर मौजूद खनिजों का पता लगाने के लिए डिजाइन किया गया है। IIRS को चंद्रमा की उत्पत्ति और विकास को बेहतर ढंग से समझने के लिए इसरो द्वारा तैयार किया गया है। 

इसरो ने चंद्रयान-2 द्वारा ली गई चंद्रमा की सतह की जो तस्वीर जारी की है, उसमें चांद पर मौजूद कुछ क्रेटर भी दिख रहे हैं। इसरो ने जारी बयान में कहा कि IIRS को चंद्रमा पर सूर्य की परावर्तित होने वाली किरणें, चांद की सतह पर मौजूद खनिजों का पता लगाने के लिए डिजाइन किया गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि चंद्रमा को लेकर इस तस्वीर के सामने आने के बाद कई अहम जानकारी सामने आ सकती है। 

गौरतलब है कि चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर को लेकर अब तक इसरो को कुछ बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी है और न ही अब तक विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित हो पाया है। दरअसल, विक्रम लैंडर को चंद्रमा की दक्षिणी सतह पर छह सितंबर को सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी मगर वह चंद्रमा क सतह से चंद कदम दूर उसका संपर्क चंद्रयान-2 से टूट गया। बाद में जानकारी आई कि विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर साबुत मौजूद है, मगर उससे संपर्क साधने की कोशिश अब तक जारी है। 

इसके अलावा अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने पिछले महीने कहा था कि विक्रम लैंडर की चंद्रमा की सतह पर 'हॉर्ड लैंडिंग' हुई और वे उसकी लैंडिंग की जगह के बारे में पता कर रहे हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने इससे पहले कहा था कि उसका एलआरओ 17 सितंबर को विक्रम की लैंडिंग साइट से गुजरा था और उस क्षेत्र की हाई-रिजोल्यूशन तस्वीरें पाई थीं। नासा ने कहा है कि लूनर रिकनैसैंस ऑर्बिटर कैमरा (एलआरओसी) की टीम को हालांकि लैंडर की स्थिति या तस्वीर नहीं मिल सकी थी।
 

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