वैक्सीन बनाने के लिए मिला 2 महीने का एडवांस तो SII के CEO ने किया पीएम मोदी का धन्यवाद
कोरोना वैक्सीन के उत्पादन की गति में रफ्तार देने के मोदी सरकार के प्रयासों की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ ने जमकर तारीफ की है। SII के सीईओ अदार पूनावाला ने मंगलवार को प्रधानमंत्री...
कोरोना वैक्सीन के उत्पादन की गति में रफ्तार देने के मोदी सरकार के प्रयासों की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ ने जमकर तारीफ की है। SII के सीईओ अदार पूनावाला ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का धन्यवाद किया। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि भारत में कोविड वैक्सीन के प्रोडक्शन के लिए 'निर्णायक नीतिगत परिवर्तन' और 'तीव्र वित्तीय सहायता' के लिए मैं वैक्सीन इंडस्ट्री की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का शुक्रिया करता हूं।
पूनावाला का ये ट्वीट वित्त मंत्रालय की उस घोषणा के बाद आया जिसमें केंद्र द्वारा सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक को वैक्सीन प्रोडक्शन के लिए दो महीने का 100 फीसदी एडवांस देने की मंजूरी दी गई है। केंद्र सरकार ने दोनों कंपनियों को वैक्सीन तैयार करने के लिए कुल 4 हजार 500 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया है।
On behalf of the vaccine industry in India, I would like to thank and applaud Shri @narendramodi Ji, @nsitharaman Ji, for your decisive policy changes and swift financial aid which will help vaccine production and distribution in India. https://t.co/NedjaFLsx9
— Adar Poonawalla (@adarpoonawalla) April 20, 2021
बता दें कि पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित वैक्सीन कोविशिल्ड के प्रोडक्शन का काम कर रहा है।
केंद्र ने कोविशिल्ड का उत्पादन करने वाले सीरम इंस्टीट्यूट के लिए 3,000 करोड़ और कोवैक्सिन का उत्पादन करने वाले भारत बायोटेक के लिए 1500 करोड़ दिए हैं। वहीं पिछले हफ्ते केंद्र ने भारत बायोटेक की बेंगलुरु फैसिलिटी के लिएभी 65 करोड़ अनुदान को मंजूरी दी थी। कुछ समय से ऐसी कई रिपोर्ट्स आ रही थीं जिसमें यह दावा किया गया कि कच्चे माल की खरीद, कर्मचारियों का भुगतान, और टीका बनाने और वितरित करने सहित सभी चीजों के लिए सीरम और भारत बायोटेक को पैसों की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।
बता दें कि सरकार ने वैक्सीन के लिए ये फंड ऐसे समय में दिया है जब एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाए जाने की घोषणा कर दी गई है। अब तक पहले चरण के तहत फ्रंट लाइन वर्कर्स और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन देने की इजाजत दी गई थी। उसके बाद दूसरे चरण में 45 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है।