राष्ट्रीय परमिट वाले वाहनों के बदल सकते हैं नियम, अब करना होगा ये काम
राष्ट्रीय परमिट वाले सभी वाणिज्यिक वाहनों के लिए वाहन निगरानी प्रणाली और टोल संग्रहण के लिए फास्टैग अनिवार्य होगा। सरकार ने आज इस बारे में नियमों का संशोधित मसौदा पेश किया है। प्रस्तावित...
राष्ट्रीय परमिट वाले सभी वाणिज्यिक वाहनों के लिए वाहन निगरानी प्रणाली और टोल संग्रहण के लिए फास्टैग अनिवार्य होगा। सरकार ने आज इस बारे में नियमों का संशोधित मसौदा पेश किया है।
प्रस्तावित संशोधन के तहत यह व्यवस्था होगी कि ड्राइविंग लाइसेंस और प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र वास्तविक या डिजिटल रूप में साथ रखे जा सकेंगे। इसके अलावा नए परिवहन वाहनों के पंजीकरण के समय फिटनेस प्रमाणपत्र की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है।
ये करना होगा अनिवार्य
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियमों के मसौदे में संशोधन को अधिसूचित किया है। मंत्रालय ने बयान में कहा कि राष्ट्रीय परमिट हासिल करने वाले सभी वाहनों के लिए निगरानी प्रणाली तथा फास्टैग को अनिवार्य किया गया है।
इसमें कहा गया है कि फास्टैग के बारे में वाहन की आगे की स्क्रीन पर स्टिकर लगाना होगा। इसके अलावा राष्ट्रीय परमिट हासिल करने वाले सभी वाहनों को वाहन के आगे और पीछे की ओर बड़े-बड़े अक्षरों मे 'नेशनल परमिट या एनपी' लिखना अनिवार्य होगा।
ट्रेलर के मामले में 'एन-पी' वाहन के पीछे और बायीं ओर लिखना होगा जबकि खतरनाक सामान की ढुलाई करने वाहनों की बॉडी पर सफेद रंग में पेंट होनी चाहिए और साथ ही इसके दोनों ओर और पीछे की ओर तय वर्ग का लेबल लगा होना चाहिए। इसके साथ ऐसे वाहनों के आगे पीछे प्रकाश को परावर्तित करने वाली पट्टियां लगानी होंगी।
बयान में कहा गया है कि प्रस्तावित संशोधन के तहत तय किया गया है कि पूर्ण निर्मित इकाई वाले नए परिवहन वाहनों के पंजीकरण के समय फिटनेस प्रमाणपत्र की कोई जरूरत नहीं होगी। इन वाहनों के संदर्भ में माना जाएगा कि पंजीकरण की तारीख से दो साल तक के लिए उनके पास फिटनेस प्रमाणपत्र है।
यह भी प्रस्ताव किया गया है कि आठ साल तक पुराने परिवहन वाहनों को दो साल का फिटनेस प्रमाणपत्र दिया जाएगा। वहीं आठ साल से पुराने वाहनों को एक साल का फिटनेस प्रमाणपत्र दिया जाएगा। प्रस्तावित संशोधनों के तहत तय किया गया है कि ड्राइविंग लाइसेंस और प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र वास्तविक या डिजिटल रूप में रखे जा सकेंगे।