सेंट्रल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने रिलायंस इंड्रस्टीज को भेजा नोटिस
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न उसपर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाए और दंडात्मक कार्रवाई शुरू की जाए। सीपीसीबी ने यह नोटिस...
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न उसपर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाए और दंडात्मक कार्रवाई शुरू की जाए। सीपीसीबी ने यह नोटिस पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण रोधी प्रणाली लगाने संबंधी आदेश का पालन नहीं करने को लेकर की है।
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण रोधी प्रणाली ‘वेपर रिकवरी सिस्टम (वीआरएस) लगाने का आदेश दिया है। सीपीसीबी ने इससे पहले पेट्रोल पंपों पर वीआरएस लगाने में असफल रहने पर तीन सार्वजनिक तेल विपणन कंपनियों पर एक-एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।
सीपीसीबी ने कहा, एनजीटी ने 28 सितंबर के आदेश में तेल विपणन कंपनियों को 300 किलोलीटर प्रति माह से अधिक की बिक्री कर रहे सभी पेट्रोल पंपों पर वीआरएस लगाने को कहा था। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने तब कहा था कि उसके किसी भी पेट्रोल पंप पर 300 किलोलीटर प्रति माह से अधिक की बिक्री नहीं हो रही है। उसने कहा था कि इससे कम बिक्री कर रहे दो पंपों पर 31 दिसंबर 2018 तक वीआरएस लगा दिया जाएगा।
सीपीसीबी ने कहा, रिलायंस ने 8 जनवरी को उसे सूचित किया कि 300 किलोलीटर प्रति माह से कम बिक्री कर रहे पंपों पर वीआरएस लगाने का दूसरा चरण पूरा हो चुका है। हालांकि, उसने इन पंपों पर वीआरएस 1बी लगाने के संबंध में अनुपालन रिपोर्ट पेश नहीं की। सीपीसीबी के चेयरपर्सन एसपीएस परिहार ने एक नोटिस में कहा,उक्त स्थित से एनजीटी के आदेश का अनुपालन नहीं किए जाने के संकेत मिलते हैं। इसी कारण रिलायंस इंडस्ट्रीज को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है कि एनजीटी का आदेश नहीं मानने पर उसके ऊपर क्यों नहीं एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाए।