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उड़ान का समय कम करने की तैयारी में है सरकार, ये है प्लान

घरेलू विमानन कंपनियां अपनी उड़ानों प्रदर्शन समय पर दिखाने के लिए दो शहरों के बीच उड़ान का समय जरूरत से ज्यादा दिखाती हैं। अब नागरिक उड्डयन मंत्रालय एवं नागरिक उड्डयन महानिदेशालय इस पर लगाम लगाने जा...

उड़ान का समय कम करने की तैयारी में है सरकार, ये है प्लान
स्कन्द विवेक,नई दिल्लीThu, 20 Dec 2018 04:25 AM
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घरेलू विमानन कंपनियां अपनी उड़ानों प्रदर्शन समय पर दिखाने के लिए दो शहरों के बीच उड़ान का समय जरूरत से ज्यादा दिखाती हैं। अब नागरिक उड्डयन मंत्रालय एवं नागरिक उड्डयन महानिदेशालय इस पर लगाम लगाने जा रहा है। आने वाले समय में एयरलाइंस को दो हवाईअड्डों के बीच उड़ान भरने का मानक समय तय कर दिया जाएगा।  यह समय उतना ही होगा जितना की वास्तव में जरूरी होना चाहिए। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के निर्देश पर डीजीसीए ने उड़ानों में लगने वाले वास्तविक समय के आंकड़े जुटाने के लिए एक अध्ययन शुरू कर दिया है।

डीजीसीए के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि हमने हवाईअड्डों के बीच उड़ानों में लगने वाले वास्तविक समय का अध्ययन शुरू किया है। प्रारंभिक अध्ययन में हमने पाया है कि करीब 20 फीसदी उड़ानें गंतव्य स्थल पर अपने तय समय से 15-20 मिनट पहले पहुंच जा रही हैं। इन विमानों के तय समय से पहले एयरपोर्ट पहुंचने से वहां की व्यवस्था पर बुरा असर पड़ता है। कई बार हवाईअड्डे पर तय समय से पहले जगह नहीं होने के कारण विमान को हवा में ही चक्कर काटना पड़ता है। इससे ईंधन की बर्बादी होती है। ऐसे समय में जबकि कई बड़े एयरपोर्ट पर पहले से ही ज्यादा उड़ानों का भारी दबाव है, इन कंपनियों को इतना समय बर्बाद करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। अधिकारी ने कहा कि करीब तीन महीने में अध्ययन पूरा होने के बाद हम सभी प्रमुख हवाई अड्डों के बीच उड़ानों के लिए समय सीमा तय कर देंगे। इसकी शुरुआत व्यस्त हवाई अड्डों से की जाएगी।

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आगमन के समय की निगरानी
डीजीसीए के अधिकारी ने कहा कि विभिन्न एयरलाइंस के व्यवहार पर नियंत्रण करने के लिए समय पर प्रदर्शन को अब प्रस्थान समय से न जोड़ कर आगमन समय से जोड़ कर देखा जाने लगा है। इससे विमानन कंपनियों की हकीकत सामने आने लगेगी। 

ऐसे समझें मामला
मान लिजिए दिल्ली से मुंबई के बीच उड़ान में औसतन 1 घंटा 40 मिनट का समय लगता है, लेकिन कंपनियां अपने टाइम टेबल में दो घंटे का समय दिखाया करती हैं। 20 मिनट का यह जरूरत से ज्यादा समय कंपनियों को समयबद्ध प्रदर्शन दिखाने में मदद करता है, लेकिन एयरपोर्ट पर इससे व्यवस्था बिगड़ती है। दूसरी उड़ानों पर बुरा असर पड़ता है। पर समयबद्ध प्रदर्शन के कारण एयरलाइंस अपनी रेटिंग को बेहतर दिखाती हैं। 

एयरपोर्ट पर बढ़ता दबाव
देश में तेजी से बढ़ रही उड़ानों और नए एयरपोर्ट के संचालन में आने से बड़े एयरपोर्ट पर उड़ानों का दबाव बढ़ता जा रहा है। इस साल की बात करें तो हर महीने एक करोड़ लोग औसतन हवाई सफर कर रहे हैं। मुंबई एयरपोर्ट में ज्यादातर कंपनियों की समयबद्धता का आंकड़ा अक्तूबर 2018 में खराब रहा है। 

20 साल में 2300 नए विमान आएंगे
दुनिया की सबसे बड़ी विमानन कंपनी बोइंग का आकलन है कि बढ़ती मांग के कारण भारत में अगले 20 सालों में 2300 विमानों की जरूरत पड़ेगी। उड़ानों की बढ़ती संख्या के कारण समयबद्धता पर ध्यान देना और जरूरी हो जाएगा।

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