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केंद्रीय कर्मियों का भत्ता तीन फीसदी बढ़ा, दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल को मंजूरी

केंद्र सरकार ने मंगलवार को केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारियों को बड़ा तोहफा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में महंगाई भत्ता तीन प्रतिशत बढ़ाने का फैसला...

केंद्रीय कर्मियों का भत्ता तीन फीसदी बढ़ा, दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल को मंजूरी
विशेष संवाददाता,नई दिल्ली।Wed, 20 Feb 2019 04:10 AM
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केंद्र सरकार ने मंगलवार को केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारियों को बड़ा तोहफा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में महंगाई भत्ता तीन प्रतिशत बढ़ाने का फैसला किया गया। वहीं, दिल्ली मेरठ रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के लिए 30274 करोड़ रुपये को मंजूरी दे दी है। 82.15 लंबी इस लाइन पर पांच साल में संचालन शुरू हो जाएगा।  

12 फीसदी हो जाएगा भत्ता
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद फैसले की जानकारी देते हुये वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 9 फीसदी से बढ़कर 12 फीसदी हो जाएगा। बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता एक जनवरी 2019 से लागू होगा। इससे 1.1 करोड़ कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को फायदा होगा। जेटली ने बताया कि  महंगाई भत्ता बढ़ने से केंद्र सरकार के 48.41 लाख कर्मचारियों और 62.03 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा।  महंगाई भत्ते की यह वृद्धि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप है।

एक घंटे में मेरठ पहुंचेगें
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम को भी मंजूरी दे दी है। इससे दिल्ली से मेरठ की दूरी महज एक घंटे में पूरी की जा सकेगी। इसमें एलीवेटेड रूट 68.03 किलोमीटर व भूमिगत लाइन 14.12 किमी होगी। इस रूट पर चलने वाली गाड़ियों की रफ्तार मेट्रो से तीन गुना ज्यादा होगी। औसत रफ्तार सौ किलोमीटर प्रति घंटे होगी और बिना स्टाप वाले रूट पर 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक रहेगी। 82 किलोमीटर की दूरी एक घंटे में तय की जाएगी। इनमें नौ कोच होंगे और हर दस मिनट में ट्रेन चलेगी। इसके साथ ही अहमदाबाद मेट्रो रेल के दूसरे चरण को भी वित्तीय मंजूरी दे दी गई है। इस परियोजना को नेशनल कैपीटल रीजनल ट्रांसपोर्ट कोरपोरेशन (एनसीआरटीसी) पूरा करेगा। 

तीन तलाक पर अध्यादेश को कैबिनेट की मंजूरी 
केंद्रीय कैबिनेट ने मंगलवार को एक साथ तीन तलाक बोलने की प्रथा से जुड़े अध्यादेश को मंजूरी दे दी। अध्यादेश के तहत इस परंपरा को मुसलमान पुरूषों के लिए दंडनीय बनाया गया है। तलाक-ए-बिद्दत को खत्म करने के संबंध में संसद में पेश विधेयक फिलहाल राज्यसभा में लंबित है। मौजूदा लोकसभा के भंग होने के साथ ही तीन जून को यह विधेयक भी समाप्त हो जाएगा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा पहले हस्ताक्षरित यह अध्यादेश पिछले लगभग एक साल में तीसरी बार प्रभावी हो रहा है।

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