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CBI Vs CBI : सीबीआई के विशेष निदेशक को फिर कोर्ट की फटकार

छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के मामले में शुक्रवार को सबको सुप्रीम कोर्ट में फैसला होने की उम्मीद थी, लेकिन जब अदालत ने सीवीसी की रिपोर्ट पर वर्मा से जवाब मांग लिया तो माहौल बदल गया और...

 CBI Vs CBI : सीबीआई के विशेष निदेशक को फिर कोर्ट की फटकार
नई दिल्ली। हिन्दुस्तान टीमSat, 17 Nov 2018 03:30 PM
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छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के मामले में शुक्रवार को सबको सुप्रीम कोर्ट में फैसला होने की उम्मीद थी, लेकिन जब अदालत ने सीवीसी की रिपोर्ट पर वर्मा से जवाब मांग लिया तो माहौल बदल गया और खचाखच भरे कोर्ट से भीड़ छंट गई। वहीं वर्मा के खिलाफ जांच की कॉपी मांगने पर कोर्ट ने सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को फिर फटकार लगाई और पूछा कि आप सीवीसी क्यों गए। इससे पहले की सुनवाई में छुट्टी पर भेजे जाने के खिलाफ अस्थाना की याचिका को कोर्ट ने ठुकरा दिया था। शुकव्रार कोर्ट में हुई सुनवाई कुछ ऐसे चली... 

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई : आलोक वर्मा पर सीवीसी की रिपोर्ट हमने पढ़ी है, कुछ आरोपों पर यह बहुत अच्छी है, कुछ पर बहुत प्रतिकूल और कुछ पर बहुत ही प्रतिकूल है। कुछ पर आगे जांच के लिए समय मांगा गया है। जस्टिस पटनायक ने भी अपना एक नोट दिया है। इसके लिए हम उनके शुक्रगुजार हैं, उन्होंने अपना कीमती समय दिया। यदि केंद्र सरकार को आपत्ति न हो तो हम यह रिपोर्ट याचिकाकर्ता को देना चाहते हैं। यह उन्हें सील कवर में दी जा सकती है। हम उम्मीद करते हैं कि आप गोपनीयता बनाए रखेंगे। 

वर्मा के वकील नारीमन : माईलार्ड यह रिपोर्ट हमें जल्द मिल जानी चाहिए। 

मुख्य न्यायाधीश : बेशक।

इस बीच कॉमनकॉज के वकील : माईलार्ड सीबीआई के अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव ने कई फैसले ले लिए हैं, जबकि आपका आदेश था कि वह नीतिगत फैसले नहीं लेंगे। 

मुख्य न्यायाधीश : लेकिन उन्होंने क्या फैसले लिए है यह आपने हमें नहीं बताया और न ही कोई सूची दी। ऐसे में कोई फैसला नहीं कर सकते, हम मान कर चलते हैं कि वह फैसले नहीं ले रहे होंगे। 

...और ऐसे चली आगे की कार्रवाई

-1. विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की ओर से पूर्व एजी मुकुल रोहतगी 

यह रिपोर्ट हमें भी दी जाए। मेरी शिकायत पर ही यह मामला सीवीसी को भेजा गया था और अब कोर्ट तक आया है।

मुख्य न्यायाधीश : आप कौन हैं। किस प्राधिकार से आपने कैबिनेट सचिव से शिकायत की थी। आप सीवीसी क्यों गए। आप इस मामले में शिकायतकर्ता कैसे हो सकते हैं। जब फैसला कर लेंगे, तब आपको रिपोर्ट मिलेगी।

-2. सीवीसी की ओर से एसजी तुषार मेहता

यह रिपोर्ट हमें भी दी जाए। 

मुख्य न्यायाधीश : अरे, आप तो इस रिपोर्ट के लेखक हैं, आपको यह क्यों चाहिए। 

मेहता : मैंने इसे नहीं देखा है क्योंकि कोर्ट ने आयोग की रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में पेश करने का आदेश दिया था। यह रिपोर्ट आरोपी को नहीं देनी चाहिए क्योंकि नियम यह है कि जिसके खिलाफ आगे जांच होनी हो उसे यह रिपोर्ट नहीं देनी चाहिए। 

-3. अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल 

यह रिपोर्ट हमें भी दी जाए। केंद्र सरकार इस पर जवाब पेश करना चाहती है।

जस्टिस गोगोई : मिस्टर अटॉर्नी आप जवाब न दें। आप समझ रहे होंगे, हम आपसे जवाब क्यों नहीं मांग रहे हैं। आप वेट करें।

-4. सीबीआई डीएसपी एके बस्सी के वकील 

सर, अंतरिम निदेशक ने मुझे स्थानांतरित करके पोर्ट ब्लेयर (कालापानी) भेज दिया है, मैं अस्थाना के खिलाफ जांच अधिकारी था। मैं मौजूदा जांच अधिकारी और अस्थाना के बीच मिलीभगत को लेकर चिंतित हूं।

जस्टिस गोगोई हंसकर : ओह पोर्ट ब्लेयर, यह जाने के लिए अच्छी जगह है। आप चिंता मत करें, हम तथ्यों को सुनिश्चत करना चाहते हैं। हमने सीवीसी की रिपोर्ट पढ़ ली है और इस स्टेज पर कोई फैसला लेने से पहले हम चाहते हैं कि इसकी कॉपी वर्मा को दी जाए। वर्मा सील कवर में अपने जवाब कोर्ट में देंगे। सीबीआई की शुचिता और विश्वास बनाए रखने के लिए यह गोपनीयता आवश्यक है। रिपोर्ट की सील कवर कॉपी एजी और एसी को भी दी जाए। लेकिन वे इस पर जवाब नहीं देंगे, जवाब सिर्फ वर्मा देंगे। वर्मा यह जवाब सोमवार को एक बजे तक पेश करेंगे। इसके बाद हम फैसला करेंगे।

जब खड़गे ने बताया, 'मैं सीबीआई निदेशक चयन समिति का सदस्य हूं'

-5. माईलार्ड मेरी याचिका भी देखें।

मुख्य न्यायाधीश: आप कौन हैं?

सिब्बल : मैं खड़गे हूं।

मुख्य न्यायाधीश : कौन खड़गे?

सिब्बल : मैं सीबीआई निदेशक की चयन समिति का सदस्य हूं।

मुख्य न्यायाधीश हंसते हुए : ओह, आप लीडर आफ अपोजिशन हैं। अरे नहीं, आप संसद में सबसे बड़ी पार्टी के नेता हैं। अब हमें याद आ गया। पूरी सुनवाई में पीठ के दोनों जज चुप रहे। सुनवाई समाप्त।
 

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