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सीबीआई दफ्तर पर पड़े सीबीआई के छापे, 10 प्वाइंट्स में समझें क्या है पूरा विवाद

केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानि सीबीआई के दो शीर्ष निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच चली जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। सरकार ने इस पूरे मामले पर बड़ा कदम उठाते हुए आलोक...

सीबीआई दफ्तर पर पड़े सीबीआई के छापे, 10 प्वाइंट्स में समझें क्या है पूरा विवाद
एजेंसी,नई दिल्ली।Wed, 24 Oct 2018 11:32 AM
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केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानि सीबीआई के दो शीर्ष निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच चली जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। सरकार ने इस पूरे मामले पर बड़ा कदम उठाते हुए आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजकर तत्काल प्रभाव से एम. नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक का प्रभार दे दिया है। उधर, आलोक वर्मा ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई है। ऐसा माना जा रहा है कि उनकी अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है।

आइये जानते हैं केस से जुड़े 10 प्वाइंट्स में अहम बातें-

1-मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह एजेंसी के स्पेशल निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही में यथास्थिति बरकरार रखे, जबकि एक निचली अदालत ने घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार किये गए एजेंसी के डीएसपी देवेंद्र सिंह को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।

2-बताया जा रहा है कि सीबीआई मीट कारोबारी मोइन कुरैशी से जुड़े एक मामले में एक अन्य कारोबारी को राहत देने के लिए कथित तौर पर उससे रिश्वत लेने के आरोपों में अपने विशेष निदेशक राकेश अस्थाना से जल्द पूछताछ कर सकती है।

3- दिल्ली हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि राकेश अस्थाना और देवेंद्र कुमार के खिलाफ जबरन वसूली और जालसाजी के आरोप जोड़े गए हैं। कुमार को कथित तौर पर घूस लेने, रिकॉर्ड में हेरफेर के मामले में सोमवार को गिरफ्तार किया गया था।

4- सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना और उनके बॉस सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा से जुड़े इस हाईवोल्टेज ड्रामा ने कांग्रेस और विपक्षी दलों को सरकार पर निशाना साधने का मौका दे दिया।

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5-विपक्षी दलों ने केंद्र पर देश की संस्थाओं को बर्बाद करने का आरोप लगाया। अपने ऊपर दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए अस्थाना ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।

6-दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने सीबीआई से कहा कि वह मामले में विशेष निदेशक के खिलाफ शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही पर 29 अक्टूबर को मामले की अगली सुनवाई तक यथास्थिति बनाए रखे।

7-हालांकि, अदालत ने यह स्पष्ट किया कि मामले की प्रकृति और गंभीरता को देखते हुए इस मामले में जारी जांच पर किसी तरह का स्थगन नहीं है। तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच देवेंद्र कुमार ने अपने खिलाफ दायर प्राथमिकी को रद्द करने और मामले से जुड़े दस्तावेजों को सौंपे जाने के लिये दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। इसके बाद गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी अस्थाना ने भी हाईकोर्ट में ऐसी ही एक याचिका दायर की।

8- राकेश अस्थाना का आरोप है कि विवादास्पद मांस कारोबारी मोइन कुरैशी से जुड़े एक मामले में सीबीआई निदेशक द्वारा कथित तौर पर उनके नेतृत्व में हो रही जांच में हस्तक्षेप किया जा रहा है। अस्थाना इस बारे में भ्रष्टाचार निरोधक निगरानीकर्ता, केंद्रीय सतर्कता आयोग को लगातार लिखते रहे हैं।

9- न्यायमूर्ति नाजिम वजीरी ने अस्थाना और घूस मामले में गिरफ्तार उपाधीक्षक देवेंद्र कुमार द्वारा दायर अलग-अलग याचिकाओं पर जांच एजेंसी, उसके निदेशक आलोक कुमार वर्मा और संयुक्त निदेशक ए के शर्मा से जवाब मांगा है।

10-अदालत ने सीबीआई की प्रशासनिक शाखा कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को भी नोटिस जारी किया है। नौकरशाहों के खिलाफ जांच के लिये विभाग की मंजूरी लेना जरूरी होता है। अस्थाना के वकील ने न्यायमूर्ति वजीरी के समक्ष कहा कि एक आरोपी के बयान के आधार पर विशेष निदेशक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

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