ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News देशआरुषि मर्डर केस: तलवार दंपति की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची CBI

आरुषि मर्डर केस: तलवार दंपति की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची CBI

देश के चर्चित आरुषि हत्याकांड मामले में सीबीआई राजेश और नुपुर की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। गुरुवार को सीबीआई ने इलाहबाद हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। बता दें कि...

आरुषि मर्डर केस: तलवार दंपति की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची CBI
नई दिल्ली, लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 09 Mar 2018 01:14 AM
ऐप पर पढ़ें

देश के चर्चित आरुषि हत्याकांड मामले में सीबीआई राजेश और नुपुर की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। गुरुवार को सीबीआई ने इलाहबाद हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। बता दें कि इलाहबाद हाई कोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए तलवार दंपति को बरी कर दिया था।

इलाहबाद हाई कोर्ट ने किया था रिहा
आपको याद दिला दें कि पिछले साल 12 अक्टूबर को इलाहबाद हाई कोर्ट ने तलवार दंपति को बरी किया था। इसके बाद सीबीआई की तरफ से तय अवधि के भीतर कोई अपील नहीं की गई थी, जिसके बाद सवाल उठने लगे थे कि क्या आरुषि-हेमराज को किसी ने नहीं मारा। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि ऐसा कोई साक्ष्य इस बात को साबित नहीं करता है कि तलवार दंपति दोषी है इसलिए उन्हें जेल से रिहा किया जाए। 

आरुषि-हेमराज मर्डर:तलवार दंपति की रिहाई पर SC पहुंची हेमराज की पत्नी

हेमराज की पत्नी सुप्रीम कोर्ट
सीबीआई की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अपील न करने को लेकर इस मामले में मारे गए हेमराज की पत्नी खुमकला बंजाडे ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। इसमें कहा गया कि हाईकोर्ट का फैसला गलत है, हाईकोर्ट ने इसे हत्या तो माना है लेकिन किसी को दोषी नहीं ठहराया है। अपील में बोला गया था कि जांच एजेंसी का यह कर्तव्य है कि वह हत्यारों का पता लगाए।

आरुषि मर्डर: दुनिया का सामना करने में लग रहा है डर-तलवार दंपत्ति

गौरतलब है कि साल 2008 के नोएडा के फ्लैट में आरुषि और उसके घर में काम करने वाले हेमराज की बेहरमी से हत्या कर दी गई थी। आरुषि का शव उसके कमरे में पड़ा हुआ मिला था जबकि नौकर हेमराज का शव छत पर पड़ा मिला। इस मामले में ही बाद में यूपी पुलिस आरुषि के अभिभावक राजेश और नूपुर तलवार को गिरफ्तार कर लिया था। 

आरुषि-हेमराज हत्याकांडः तब चेहरे पर डर था, आज आखें नम थीं

सीबीआई ने दी थी क्लीनचिट
सीबीआई ने पहले इस मामले में परिस्थितिजन्य साक्ष्यों को आधार बनाकर जांच की लेकिन बाद में सूबत नहीं होने की बात कहते हुए गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दे दी थी। लेकिन कोर्ट ने परिस्थितिजन्य साक्ष्यों को आधार बनाकर सुनवाई की और सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट खारिज कर दी थी। सीबीआई कोर्ट ने 26 नवंबर 2013 को दोनों आरोपियों को दोषी पाया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। तलवार दंपति नवंबर 2013 से गाजियाबाद की डासना जेल में बंद थे लेकिन हाईकोर्ट ने दोनों को निर्दोष करार देते हुए निचली अदालत का फैसला पलट दिया था।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें