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Bihar Caste Census: जाति जनगणना ने कैसे कर दी I.N.D.I.A की राह आसान, OBC पर कांग्रेस का नया प्लान

Caste Census Bihar 2023 Report: जाति जनगणना I.N.D.I.A यानी विपक्षी गठबंधन का अहम चुनावी मुद्दा है। वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में ओबीसी मतदाताओं के बड़े तबके ने भाजपा का समर्थन किया था।

Bihar Caste Census: जाति जनगणना ने कैसे कर दी I.N.D.I.A की राह आसान, OBC पर कांग्रेस का नया प्लान
Nisarg Dixitहिन्दुस्तान,नई दिल्लीTue, 03 Oct 2023 10:40 AM
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Bihar Caste Census: बिहार सरकार ने जाति जनगणना के आंकड़े जारी कर दिए हैं। पांच राज्यों के विधानसभा और आगामी लोकसभा चुनाव से पहले जारी की गई इस रिपोर्ट ने चुनावी एजेंडा भी तय कर दिया है। I.N.D.I.A लगातार केंद्र से जाति जनगणना कराने की मांग कर रहा है। बिहार सरकार की इस रिपोर्ट के बाद सामाजिक न्याय का मुद्दा जोर पकड़ सकता है।

कांग्रेस पूरी शिद्दत से जाति जनगणना के मुद्दे को उठा रही
कांग्रेस जितनी आबादी, उतना हक के वादे के साथ पूरी शिद्दत से जाति जनगणना के मुद्दे को उठा रही है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि बिहार की जातिगत जनगणना से बता चला है कि ओबीसी, एससी व एसटी की आबादी 84 फीसदी है। केंद्र के 90 सचिवों में सिर्फ तीन ओबीसी हैं। वह भारत का सिर्फ पांच फीसदी बजट संभालते हैं।

पांच राज्यों के चुनाव में कांग्रेस इसे चुनावी मुद्दा बना रही
पांच राज्यों के चुनाव में कांग्रेस इसे चुनावी मुद्दा बना रही है। मध्य प्रदेश में पार्टी ने वादा किया है कि प्रदेश में सरकार बनने के बाद जाति गणना कराई जाएगी। दूसरे चुनावी प्रदेशों में भी पार्टी ऐसे वादे कर रही है। कर्नाटक में सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने जाति जनगणना पर कांग्रेस की प्रतिबद्धता का संकेत देते हुए 2015 की पिछड़ा वर्ग आयोग के जाति वार सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है।

जाति जनगणना इंडिया गठबंधन का अहम चुनावी मुद्दा
जाति जनगणना इंडिया गठबंधन का अहम चुनावी मुद्दा है। वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में ओबीसी मतदाताओं के बड़े तबके ने भाजपा का समर्थन किया था। सीएसडीएस की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2019 में रसूख वाली ओबीसी जातियों के 40 फीसदी वोटरों ने भाजपा को वोट किया था। जबकि कमजोर ओबीसी जातियों के 48 फीसदी वोट भाजपा को मिला था। ऐसे में जाति जनगणना के मुद्दे पर I.N.D.I.A ओबीसी में सेंध लगा सकते हैं।

ओबीसी 1989 में कांग्रेस से अलग हो गए थे
मंडल आयोग से पहले ओबीसी मतदाता कांग्रेस समर्थक थे। पर वर्ष 1989 में ओबीसी कांग्रेस से अलग हो गए थे। ऐसे में पार्टी का मानना है कि जाति जनगणना की मांग से ओबीसी मतदाताओं का भरोसा जीता जा सकता है। इसलिए पार्टी महिला आरक्षण में ओबीसी कोटे की मांग के साथ ओबीसी आरक्षण को बढ़ाने की वकालत कर रही है। पार्टी के एक नेता ने कहा कि बिहार के आंकड़े जारी होने से इस मांग को और ताकत मिलेगी।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि बिहार सरकार के जाति जनगणना की रिपोर्ट का स्वागत और कांग्रेस शासित कर्नाटक जैसे अन्य राज्यों में इस तरह की पहले के सर्वेक्षणों को याद करते हुए कांग्रेस जाति जनगणना की मांग दोहराती है। यूपीए-2 सरकार ने इस जनगणना को पूरा कर लिया था, पर मोदी सरकार ने आंकड़े जारी नहीं किए। सामाजिक न्याय के लिए जाति जनगणना जरूरी है।

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