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असम को भारत से अलग करनेवाले बयान पर शाहीन बाग के मुख्य आयोजक और जेएनयू छात्र शरजिल इमाम पर केस दर्ज

राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून पर हो रहे प्रदर्शन के मुख्य आयोजक और जेएनयू छात्र शरजिल इमाम के भड़काऊ भाषण वाले वीडियो सामने आने के बाद असम सरकार ने इस पर संज्ञान लेते हुए...

असम को भारत से अलग करनेवाले बयान पर शाहीन बाग के मुख्य आयोजक और जेएनयू छात्र शरजिल इमाम पर केस दर्ज
लाइव हिन्दुस्तान,गुवाहाटी।Sat, 25 Jan 2020 05:27 PM
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राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून पर हो रहे प्रदर्शन के मुख्य आयोजक और जेएनयू छात्र शरजिल इमाम के भड़काऊ भाषण वाले वीडियो सामने आने के बाद असम सरकार ने इस पर संज्ञान लेते हुए गंभीरता से लिया है। जिसके बाद असम सरकार ने शरजिल पर केस दर्ज कर लिया गया है। 

असम पुलिस के एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर जीपी सिंह ने कहा- शर्जिल इमाम के दिए भाषण के चलते गुवाहाटी पुलिस ने यूए(पी) एक्ट की धारा 13(1)/18 और आईपीसी की धारा 153ए, 153बी और 124ए के तहत केस दर्ज कर लिया है।

इससे पहले, असम के मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने कहा- शाहीन बाग (दिल्ली) प्रदर्शन के मुख्य आयोजक शरजिल ने कहा कि असम को बाकी भारत से अलग कर देंगे। राज्य सरकार ने इस देशद्रोही बयान पर संज्ञान लिया और केस दर्ज करने का फैसला किया है।

उधर, वकील और आरटीआई कार्यकर्ता विवेक गर्ग एक शिकायत दर्ज की है ताकि असम को देश के बाकी हिस्सों से काटने के उसके बयान पर आईपीसी और नेशनल सिक्योरिटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत जेएनयू छात्र और शाहीन बाग में नागरिकता कानून विरोध प्रदर्शन के कथित तौर पर मुख्य आयोजक शरजिल इमाम के खिलाफ एफआईआर हो सके। विवेक गर्ग भारतीय जनता पार्टी के सदस्य भी हैं।

जेएनयू छात्र शरजिल इमाम वायरल वीडियो में कहता है, 'हमारे पास संगठित लोग हों तो हम असम से हिंदुस्तान को हमेशा के लिए अलग कर सकते हैं। स्थायी तौर पर नहीं तो एक-दो महीने के लिए असम को हिंदुस्तान से अलग कर ही सकते हैं। रेलवे ट्रैक पर इतना मलबा डालो कि उनको हटाने में एक महीना लगे। जाना हो तो जाएं वायुसेना से। असम को काटना हमारी जिम्मेदारी है।'

भड़काऊ वीडियो में शरजिल कहता है, 'भारत और असम अलग हो जाएं, तभी वे हमारी बात सुनेंगे। क्या आपको पता है असम में मुसलमानों का क्या हाल है? वहां एनआरसी लागू हो गया है। मुस्लिमों को हिरासत केंद्र में डाला जा रहा है। छह-आठ महीनों में पता चलेगा कि वहां सारे बंगालियों को मार दिया गया। यदि हमें असम की मदद करनी है तो असम का रास्ता बंद करना होगा।'

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