'लॉकडाउन पर अलग निर्देश जारी न करें': कैबिनेट सचिव ने मंत्रालयों को किया आगाह
केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों को लॉकडाउन से जुड़े निर्देश या स्पष्टीकरण अलग से जारी करने पर रोक लगा दी गई है। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की ओर से सभी मंत्रालयों को पत्र लिखकर उन्हें ऐसा न करने की...

केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों को लॉकडाउन से जुड़े निर्देश या स्पष्टीकरण अलग से जारी करने पर रोक लगा दी गई है। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की ओर से सभी मंत्रालयों को पत्र लिखकर उन्हें ऐसा न करने की सलाह दी गई है। कैबिनेट सचिव ने आपदा मैनेजमेंट एक्ट के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा है कि लॉकडाउन से जुड़ा कोई भी निर्देश या स्पष्टीकरण केवल गृहमंत्रालय की ओर से नेशनल एग्जीक्यूटिव कमेटी के अनुमोदन से जारी किया जाएगा।
अनुपालन को लेकर केंद्र सख्त : गृह मंत्रालय की ओर से लगातार लॉक डाउन का सख्त अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए राज्यों से संपर्क बना हुआ है। सूत्रों ने कहा केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि लॉक डाउन के सख्त अनुपालन के लिए समन्वय जरूरी है। आपदा की स्थिति में सभी मंत्रालयों को एक इकाई के रूप में *काम करने की जरूरत है। राज्यों की ओर से अगर कोई स्पष्टीकरण मांगा जाता है तो उसे अपने मंत्रालय की नोटिंग के साथ गृह सचिव की अगुवाई वाली नेशनल एक्जीक्यूटिव कमेटी के ध्यान में लाना जरूरी है।
कोताही का हवाला दिया: कैबिनेट सचिव ने मंत्रालयों को जारी निर्देश में कहा है कि ऐसा देखने मे आया है कि कुछ मंत्रालय व विभाग लॉकडाउन से जुड़े स्पष्टीकरण अपने स्तर से जारी कर रहे हैं। वे आपदा प्रबंधन एक्ट के प्रावधानों के अनुरूप ऐसा न करें। गृहसचिव नेशनल एक्जीक्यूटिव कमेटी के चैयरमैन हैं। लॉकडाउन संबंधी और जमीनी स्तर पर निर्देशों का अनुपालन कराने के लिए गृह सचिव की ओर से राज्यों को दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं।
मंत्रालय के संज्ञान में लाएं: कैबिनेट सचिव ने पत्र के जरिये यह स्पष्ट किया है कि मंत्रालय से जुड़े किसी कामकाज से जुड़ा कोई संशोधन, निर्देश या स्पष्टीकरण जरूरी लगता है तो वे इसे गृह मंत्रालय के संज्ञान में जरूर लाएं। इसके बाद गृह मंत्रालय इस संबंध में जरूरी निर्देश नेशनल एक्जीक्यूटिव कमेटी की अनुशंसा के आधार पर जारी करेगा।
घटनाओं का संज्ञान: केंद्र ने कुछ जगहों पर मजदूरों पर केमिकल प्रयोग करने और लॉकडाउन प्रोटोकॉल से इतर हुई घटनाओं का भी संज्ञान लिया है। राज्यों को गृहमंत्रालय में स्थित कंट्रोल रूम के जरिये जरूरी जानकारी दी जा रही है। क्या करना है और क्या नहीं, इस संबंध में भी विचार साझा किए जा रहे हैं।
कुछ मंत्रालयों ने जारी किए थे निर्देश: कुछ मंत्रालयों ने अपने अधीन आने वाले विषयों से जुड़े कामकाज व आवश्यक सेवाओं पर दिशा निर्देश सीधे राज्यों को भेजना शुरू कर दिया था। शुरू में ई-कॉमर्स सेवाओं को लेकर उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के सचिव ने राज्यों को पत्र भेजा। इसी तरह उद्योग मंत्रालय की ओर से निर्देश जारी हुए।
सरकार निलंबन आदेश की समीक्षा नहीं करेगी: सरकार लॉकडाउन अवधि में निर्धारित अवधि से पहले निलंबन आदेश और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के नोटिस स्वीकार करने जैसे अन्य कार्यों की समीक्षा नहीं करेगी। कार्मिक मंत्रालय ने एक आदेश में यह बात कही है। वीआरएस के नोटिस की स्वीकृति और अन्य कार्यों के लिए भी समयसीमा तय है।
केंद्र ने की राज्यों से भी समन्वय की अपेक्षा: केंद्र ने राज्य सरकारों से भी अपेक्षा की है कि वे महामारी से निपटने के लिए कोई भी कदम केंद्र के दिशा निर्देशों के अनुरूप उठाएं। अपने स्तर पर ऐसा कोई फैसला न करें,जिससे अन्य राज्यों में भ्रम की स्थिति हो।
