कोरोना कहर के बीच पॉजिटिव माहौल चाहती है सरकार, राहुल गांधी बोले- रेत में सिर डालना...
देश में हर दिन कोरोना संक्रमण के लाखों नए मरीजों और हजारों मौतों के बीच सरकार देश में 'पॉजिटिव' महौल बनाना चाहती है और इसके लिए बकायदा अधिकारियों को ट्रेनिंग भी दी गई है। मीडिया में आई इन...
देश में हर दिन कोरोना संक्रमण के लाखों नए मरीजों और हजारों मौतों के बीच सरकार देश में 'पॉजिटिव' महौल बनाना चाहती है और इसके लिए बकायदा अधिकारियों को ट्रेनिंग भी दी गई है। मीडिया में आई इन खबरों के बाद विपक्ष हमलावर हो गया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि सकारात्मक सोच की झूठी तसल्ली देना देशवासियों के साथ धोखा है। वहीं, हाल ही में चुनावी रणनीतिकार का काम छोड़ने का ऐलान करने वाले प्रशांत किशोर ने भी इसे घिनौना बताया है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक खबर का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि सकारात्मक सोच की झूठी तसल्ली देना देशवासियों के साथ धोखा है। उन्होंने ट्वीट किया, ''सकारात्मक सोच की झूठी तसल्ली स्वास्थ्य कर्मचारियों और उन परिवारों के साथ मजाक है जिन्होंने अपनों को खोया है और ऑक्सीजन-अस्पताल-दवा की कमी झेल रहे हैं। रेत में सिर डालना सकारात्मकता नहीं, देशवासियों के साथ धोखा है।''
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दरअसल, सरकार ने हाल ही में अधिकारियों के लिए एक वर्कशॉप का आयोजन किया था, जिसमें उन्हें महामारी के समय में भी सरकार की छवि को सकारात्मक बनाए रखने के तरीके बताए गए। जनता के बीच ज्यादा से ज्यादा पॉजिटिव कहानियां ले जाने को कहा गया है। सरकार की ओर से पहली बार आयोजित इस वर्कशॉप में करीब 300 अधिकारियों ने इसमें हिस्सा लिया था।
वहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी 'Positivity Unlimited' नाम से ऑनलाइन लेक्चर्स की शुरुआत की है। ये लेक्चर 11 से 15 मई के बीच प्रसारित होंगे, ताकि लोगों में महामारी के बीच सकारात्मकता और विश्वास बढ़ाया जा सके। यह सीरीज आरएसएस की कोविड रेस्पॉन्स टीम आयोजित कर रही है। आरएसएस चीफ मोहन भागवत, विप्रो चेयरमैन अजीम प्रेमजी, धर्मगुरु जग्गी वसुदेव इन लेक्चरों के मुख्य वक्ताओं में शामिल हैं।