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बुलंदशहर हिंसा: चश्मदीद बोला- मेरे सामने मारी थी प्रशांत नट ने इंस्पेक्टर सुबोध को गोली

यूपी में बुलंदशहर हिंसा (Bulandshahr Violence) के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह (Inspector Subodh Kumar Singh) को गोली मारने के आरोपी प्रशांत नट (Prashant Nut) को लेकर जब सवाल उठने शुरू हुए तो...

 बुलंदशहर हिंसा: चश्मदीद बोला- मेरे सामने मारी थी प्रशांत नट ने इंस्पेक्टर सुबोध को गोली
बुलंदशहर। हमारे संवाददाताSat, 29 Dec 2018 08:53 AM
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यूपी में बुलंदशहर हिंसा (Bulandshahr Violence) के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह (Inspector Subodh Kumar Singh) को गोली मारने के आरोपी प्रशांत नट (Prashant Nut) को लेकर जब सवाल उठने शुरू हुए तो पुलिस ने अचानक एक चश्मदीद को मीडिया के सामने लाकर खड़ा कर दिया। पुलिस की ओर मुस्कुराते हुए कथित चश्मदीद गवाह ने दावा किया कि प्रशांत नट ने उसके सामने ही इंस्पेक्टर को गोली मारी थी। अब सवाल यह उठता है कि इतने दिन तक चश्मदीद गवाह कहां छिपा हुआ था?

इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के आरोप में पकड़े गए प्रशांत नट से कोई सामान बरामद नहीं हो सका है। इसको लेकर पुलिस पर सवाल भी उठ रहे हैं। प्रशांत नट के भाई एवं अन्य परिजनों का कहना है कि तीन दिन से प्रशांत को पुलिस हिरासत में रखकर प्रताड़ित किया जा रहा था। इन सवालों के बीच शुक्रवार को पुलिस ने अचानक गांव हरवानपुर निवासी मुकेश उर्फ मूला को चश्मदीद बताते हुए मीडिया के सामने लाकर खड़ा कर दिया। 

 

बुलंदशहर हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर पर पहले हुआ था कुल्हाड़ी से वार

कथित चश्मदीद गवाह ने पुलिसकर्मियों के सामने मीडिया के सवालों के जवाब दिए। उसने अपने बयान में कहा कि कोतवाल मुझको जानते थे। मेरा परिचय था उनसे। अक्सर पुलिस चौकी पर आते रहते थे। चौकी के सामने रेत का ट्राला खड़ा था। मैं भी वहीं खड़ा था। चारों तरफ से पथराव चल रहा था। सुमित सबसे आगे पथराव कर रहा था। सुमित ने पत्थर मारा, जो कोतवाल को लगा। कोतवाल ने भी पत्थर फेंका, जो किसी और को जाकर लगा। मैं अपने गांव की तरफ जाने लगा। नाली पड़ती है रास्ते में। उसी दौरान कोतवाल ने सुमित को गोली मार दी। मैं अपने गांव की तरफ आ गया हूं। रास्ते में एक दीवार पड़ती है। दीवार के पीछे से प्रशांत आया और उसने कोतवाल की कौली भर ली। इसके बाद लोग एकदम टूट पड़े। पत्थर और लठ से कोतवाल को मारा। प्रशांत ने कोतवाल को पिस्टल से गोली मार दी। प्रशांत ने मेरे सामने गोली मारी थी। पिस्टल वहीं फेंक दी थी। फिर मैं अपने गांव को चला गया।

आखिर क्या है गवाह को सामने लाने का उद्देश्य
पुलिस ने घटना से जुड़े किसी व्यक्ति को पहली बार खुद से मीडिया के सामने पेश किया। ऐसे में सवाल यह उठता है कि चश्मदीद गवाह को मीडिया के सामने लाने का उद्देश्य क्या है? क्या पुलिस अपनी कहानी को सही बताने के लिए गवाह का सहारा ले रही है? गवाह ने जिस तरह से एक रटा-रटाया बयान दिया, उससे भी पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं। सवाल यह भी है कि पूरे केस में हिंसा और इंस्पेक्टर की हत्या अहम बात है, किंतु पुलिस द्वारा हत्या के आरोप में पकड़े गए आरोपी प्रशांत नट को मीडिया के सामने पेश नहीं किया। इस मामले पर पुलिस अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।
 

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