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आज से शुरू हो रहा है संसद का बजट सत्र, सरकार और विपक्ष के बीच इन मुद्दों पर दिख सकती है तनातनी

आज से संसद के बजट सत्र का पहला चरण शुरू हो रहा है। आज यानी शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संबोधित करेंगे। बजट सत्र का पहला चरण 11 फरवरी तक चलेगा। इसके बाद...

 आज से शुरू हो रहा है संसद का बजट सत्र, सरकार और विपक्ष के बीच इन मुद्दों पर दिख सकती है तनातनी
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीFri, 31 Jan 2020 09:13 AM
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आज से संसद के बजट सत्र का पहला चरण शुरू हो रहा है। आज यानी शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संबोधित करेंगे। बजट सत्र का पहला चरण 11 फरवरी तक चलेगा। इसके बाद एक अंतराल के बाद इसका दूसरा हिस्सा 2 मार्च से शुरू होकर 3 अप्रैल तक चलेगा। आज से शुरू हो रहे संसद के बजट के पहले सत्र में कई मुद्दों पर घमासान होने की उम्मीद है। विपक्ष के तेवर देखने से लग रहा है कि नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और महंगाई जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा।  

संसद के बजट सत्र से पहले गुरुवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में ज्यादातर विपक्षी दलों ने सीएए, एनआरसी से जुड़ा मुद्दा उठाया, साथ ही अर्थव्यवस्था और महंगाई पर व्यापक चर्चा की मांग की। जम्मू-कश्मीर में पूर्व मुख्यमंत्रियों को रिहा करने की मांग भी उठी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों से सहयोग देने की अपील की और सभी दलों को उनकी बात रखने का पर्याप्त मौका देने का आश्वासन दिया। विपक्ष के तेवर से साफ है कि संसद का बजट सत्र हंगामेदार रहेगा।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने बैठक के बाद कहा कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों पर सरकार का रुख नकारात्मक है। उसने प्रदर्शनकारियों से सम्पर्क करने की कोई कोशिश नहीं की। पिछले करीब सवा महीने से देश की आधी आबादी सड़कों पर है। महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग इस ठंड में धरना दे रहे हैं, आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार को कोई परवाह नहीं है। हालांकि, संसदीय मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि विपक्ष को आत्मावलोकन करना चाहिए क्योंकि सीएए लोकतांत्रिक तरीके से संसद में पारित हुआ है।

विपक्षी दलों ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला की तत्काल रिहाई की मांग की। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार का ध्यान सिर्फ विधेयक पारित कराने पर है, विपक्ष भी देशहित में विधेयक पारित करने में सहयोग करेगा लेकिन कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर चर्चा होनी चाहिए। देश की आर्थिक स्थिति खराब है, बेकारी और बेरोजगारी है। कश्मीर में तीन-तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंद रखा गया है। हम इन सभी मुद्दों पर चर्चा चाहते हैं। 

विपक्ष चाहेगा कि सरकार इन मुद्दों पर संवेदनशील हो, इन पर सदन में चर्चा हो और इनका समाधान निकले। द्रमुक और वाम दलों ने भी कहा कि बैठक में सीएए, फारूख अब्दुल्ला की रिहाई के मुद्दे को उठाया गया।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने बताया कि सरकार के कुछ मंत्रियों और भाजपा के कुछ सांसदों द्वारा अभद्र शब्दों के इस्तेमाल के मुद्दे को भी उठाया गया।  यह पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री ने विपक्ष की ओर से उठाये गए मुद्दों पर क्या प्रतिक्रिया दी, शर्मा ने कहा कि उन्होंने ये बातें ध्यान से सुनी।  

बैठक में आजाद के अलावा आनंद शर्मा, अधीर रंजन चौधरी, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, द्रमुक के टीआर बालू, राजद के मनोज झा, एनसीपी की सुप्रिया सुले, बसपा के रितेश पांडे, बीजद के प्रसन्न आचार्य आदि शामिल हुए। सरकार की ओर से प्रधानमंत्री मोदी के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान, आरपीआई के रामदास अठावले, लोजपा के चिराग पासवान आदि मौजूद थे।

सत्र में आएंगे 45 विधेयक
बजट सत्र की जानकारी देते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि पहला चरण 31 जनवरी से 11 फरवरी ( 9 बैठकें) और दूसरा चरण दो मार्च से तीन अप्रैल (22 बैठकें) तक चलेगा। बजट सत्र में सात वित्त संबंधी विधेयकों के साथ 45 विधेयक लाए जाएंगे। इनमें दो विधेयक अध्यादेशों का स्थान लेंगे।

संसद परिसर में आज धरना देगी कांग्रेस
कांग्रेस सांसद सीएए एवं एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए शुक्रवार को संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना देंगे। इस प्रदर्शन में पार्टी के सभी वरिष्ठ सदस्य शामिल होंगे। राहुल गांधी भी मौजूद रह सकते हैं।

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