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मिशन 2019: मायावती यूपी में संगठन को मजबूत करेंगी

राज्यसभा से हाल ही में इस्तीफा देने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती अब उत्तर प्रदेश में पार्टी संगठन को मजबूत करेंगी। उन्होंने लगभग एक वर्ष के कार्यक्रम तय कर दिए हैं। हर माह की 18 तारीख को होने वाले इन...

मिशन 2019: मायावती यूपी में संगठन को मजबूत करेंगी
नई दिल्ली। विशेष संवाददाताMon, 24 Jul 2017 06:39 AM
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राज्यसभा से हाल ही में इस्तीफा देने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती अब उत्तर प्रदेश में पार्टी संगठन को मजबूत करेंगी। उन्होंने लगभग एक वर्ष के कार्यक्रम तय कर दिए हैं। हर माह की 18 तारीख को होने वाले इन कार्यक्रमों में मायावती खुद हिस्सा लेंगी। 

बसपा प्रमुख ने कार्यक्रम की तिथि का चयन भी बहुत सोचसमझ कर किया है। उन्होंने 18 जुलाई को ही राज्यसभा से इस्तीफा दिया था। इसलिए सभी कार्यक्रम हर माह की 18 तारीख को रखे गए हैं ताकि कार्यकर्ताओं को यह तारीख हमेशा याद रहे। 

मायावती ने संगठन को मजबूत बनाने के लिए पहले मंडल स्तर और फिर विधानसभा स्तर पर कार्यकर्ता सम्मेलनों का खाका तैयार किया है। वह हर माह दो मंडलों को मिलाकर एक कार्यकर्ता सम्मेलन करेंगी। इसकी शुरुआत मेरठ-सहारनपुर मंडल से होगी। बसपा प्रमुख 18 सितंबर को मेरठ में दोनों मंडलों के कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगी और वरिष्ठ नेताओं से भी मिलेंगी। 

अगले साल मई तक सभी मंडलों में कार्यकर्ता सम्मेलन के बाद मायावती जून से विधानसभाओं का दौरा शुरू करेंगी। इसका कार्यक्रम बाद में घोषित किया जाएगा। उन्होंने रविवार को पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर संगठन को मजबूत बनाने पर चर्चा की। केंद्रीय कार्यालय पर हुई बैठक में पार्टी के तमाम बड़े नेता और पदाधिकारी शामिल हुए। 

बैठक के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के लिए 18 तारीख इसलिए चुनी है क्योंकि वह नहीं चाहतीं कि कार्यकर्ता यह दिन भूलें। उन्होंने कहा कि भाजपा जातिवादी, पूंजीवादी और दलित विरोधी पार्टी है। भाजपा को चैन से नहीं बैठने देने की चेतावनी देते हुए कहा कि वह भाजपा की तानाशाही और दलित विरोधी नीति का उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में पर्दाफाश करेंगी। 

पिछले लोकसभा चुनाव में बसपा को एक भी सीट नहीं मिली थी। वहीं, विधानसभा चुनाव में पार्टी सिर्फ 19 सीट जीत पाई। ऐसे में दलित वोट को एकजुट करना बसपा के लिए बड़ी चुनौती है। बसपा का एजेंडा 2019 का लोकसभा चुनाव हैं। इसलिए, मायावती कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ाने के लिए पूरे प्रदेश का दौरा करेंगी और कार्यकर्ताओं के बीच रहकर संघर्ष करेंगी।

संगठन में बदलाव
मायावती जल्द पार्टी संगठन में भी बदलाव कर सकती हैं क्योंकि, कई वरिष्ठ नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। इनमें दारा सिंह चौहान, स्वामी प्रसाद मौर्य,  ब्रजेश पाठक और नसीमुद्दीन सिद्दीकी भी शामिल हैं। ऐसे में बसपा सुप्रीमो संगठन में बदलाव कर नए लोगों को जिम्मेदारी दे सकती हैं।

18 अगस्त क्यों नहीं
बसपा का कहना है कि वह 18 अगस्त से मंडल स्तर के कार्यक्रमों की शुरुआत करना चाहती थी। पर बरसात की वजह से 18 सितंबर से कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया गया।

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