पाकिस्तान की नापाक हरकतों को BSF ने फिर किया नाकाम, LoC पर सुरंग का पता लगाया
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बुधवार को जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के नीचे एक सुरंग का पता लगाया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि बुधवार सुबह एक...
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बुधवार को जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के नीचे एक सुरंग का पता लगाया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि बुधवार सुबह एक अभियान के दौरान बीएसएफ के जवानों ने बोबियान गांव में सीमा पार से बनाई गई एक सुरंग का पता लगाया, जिसका निर्माण आतंकवादियों को घुसाने के लिए किया गया है।
बीएसएफ के आईजी ने कहा, 'कठुआ के हीरानगर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ पाई गई सुरंग लगभग 150 मीटर लंबी है। इस सुरंग के निर्माण में उचित तकनीक का प्रयोग किया गया है। यह भारत में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने के लिए पाकिस्तान की सोची-समझी साजिश है। ऐसा लगता है कि हाल में इसका उपयोग नहीं किया गया है।''
The tunnel detected along IB in Hiranagar sector of Kathua is approx 150 mtrs long, proper engineering effort has gone into construction of this tunnel.This is a deliberate effort of Pak to push in terrorists into India. It seems that it hasn't been used recently:IG BSF NS Jamwal https://t.co/qhaTMoj1IQ pic.twitter.com/mvaeVhlmKb
— ANI (@ANI) January 13, 2021
सुरंग और ड्रोन के जरिए आतंकियों को भेज रहा है पाकिस्तान, BSF चौकन्ना
बीते साल नवंबर महीने में बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) ने एक ऐसी सुरंग का पता लगाया था, जिससे होकर आतंकी भारत आए थे। बीते पांच महीने में BSF ने तीसरी बड़ी सुरंग पता लगाया है। एक आधिकारी ने बताया था कि यह पाकिस्तान की बदली हुई रणनीति का हिस्सा है। पहले जहां सीधे आतंकियों को सीमा पार कराने की कोशिश होती थी वहीं अब इन सुरंगों का सहारा लिया जा रहा है। बीएसएफ के अधिकारी के अनुसार पिछले सप्ताह नगरोटा में मारे गए चारो आतंकी भी सुरंग से होकर ही भारत आए थे।
इससे पहले बीएसएफ ने जिस सुरंग का पता लगाया वह 3 फीट गहरी और 200 मीटर लम्बी थी। पाकिस्तान की तरफ ऊंची-ऊंची घास होने के कारण इन सुरंगों का पता नहीं चल पाता। और इसी का फायदा उठाकर ड्रग स्मगलर से लेकर आतंकी तक भारत में भेजे जा रहे हैं। हालांकि समझौते में इस तरह के घासों को काटने की बात कही गई है लेकिन पाकिस्तान इसको मानने को तैयार नहीं है।