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कर्नाटकः बहुमत जुटाने में लगी येदियुरप्पा सरकार, इन तीन रास्तों से मिल सकती है सफलता

बीएस येदियुरप्पा तीसरी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बन गए हैं। राज्यपाल वजुभाई वाला ने उन्हें राजभवन में पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। येदियुरप्पा को अगले 15 दिनों में सदन के भीतर बहुमत साबित करना होगा।...

कर्नाटकः बहुमत जुटाने में लगी येदियुरप्पा सरकार, इन तीन रास्तों से मिल सकती है सफलता
नई दिल्ली, लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 17 May 2018 12:32 PM
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बीएस येदियुरप्पा तीसरी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बन गए हैं। राज्यपाल वजुभाई वाला ने उन्हें राजभवन में पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। येदियुरप्पा को अगले 15 दिनों में सदन के भीतर बहुमत साबित करना होगा। आज सिर्फ येदियुरप्पा ने ही शपथ ली है। विधानसभा में सरकार विश्वासत मत हासिल करने के बाद मंत्रिमंडल को शपथ दिलाएगी। 


अब सवाल ये है कि 224 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 112 है। दरअसल यहां सिर्फ 222 सीटों पर ही चुनाव हुए थे। अब जब भाजपा के पास सिर्फ 104, कांग्रेस के पास 78, जेडीएस के पास 38 और अन्य के पास 2 सीटें हैं। इनमें से कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन कर  दिया। उनके पास मैजिक नंबर 78+38= 116 मौजूद हैं। जबकि जरूरी आंकड़ा 112 ही है। अब स्थित में भाजपा कैसै बहुमत साबित करेगी। 

भाजपा के बहुमत साबित करने के ये हैं तीन रास्ते
 
पहला रास्ता
भाजपा यहां एक बार फिर 2008 का फॉर्मूला अपना सकती है। दरअसल आज से करीब दस साल पहले 2008 में भी ठीक इसी तरह हुआ था और उस वक्त भी येदियुरप्पा ही कर्नाटक में मुख्य भूमिका में थे। 

कर्नाटक में 2008 के विधानसभा चुनाव में स्पष्ट जनादेश नहीं मिलने के बाद विधानसभा में स्थायित्व के लिए बीजेपी ने उस वक्त जो किया था उसे ‘ऑपरेशन कमल’ का नाम दिया गया था। 2018 के चुनाव में एक बार फिर से किसी को स्पष्ट जनादेश नहीं मिलने के बाद दस साल पहले के उस फॉर्मूले को बीजेपी दोहरा सकती है।

क्या है ऑपरेशन कमल 
ऑपरेशन कमल की शुरुआत तत्कालीन बीजेपी के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा की तरफ से की गई थी जिसमें विपक्षी विधायकों के लिए पैसे और ताकत का इस्तेमाल किया गया था। बीजेपी ने जेडीएस और कांग्रेस के 20 विधायक को कथित प्रलोभन देकर विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिलवाया और 2008 से 2013 के बीच उप-चुनाव लड़वाया था।

2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के पास 104 सीट है और उसे 5 से 6 विधायकों को इस्तीफा दिलाने की जरूरत है। ताकि, सरकार बनाने के लिए जरूरी आंकड़े 106-108 रह जाए और यह सुनिश्चित किया जा सके कि बीजेपी के उम्मीदवार उप-चुनाव जीत जाएं।

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दूसरा रास्ता

विश्वास मत साबित करने के दौरान सदन में कांग्रेस और जेडीएस के कुछ विधायक अनुपस्थित रहे। हालांकि, यह आसान नहीं होगा ऐसी उम्मीद है कि कांग्रेस और जेडीएस दोनों ही अपने सदस्यों के लिए व्हीप जारी करेगी। इससे संवैधानिक संकट पैदा होगा और पूरा मामला कोर्ट में जाएगा। हालांकि, इससे बीजेपी को नई रणनीति के लिए कुछ राहत जरुर मिल सकती है।

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तीसरा रास्ता 
आर.आर. नगर सीट पर चुनाव को 28 मई के लिए फिर से सूचीबद्ध किया गया है जबकि जयानगर में चुनाव को रोक दिया गया। बीजेपी को इन दो सीटों को जीतना होगा ताकि वे अपने संख्याबल को बढ़ा सके।

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